सोशल मीडिया पर अनर्गल जानकारियों से बचें : राजनाथ
सोशल मीडिया पर अनर्गल जानकारियों से बचें : राजनाथ
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गैरकानूनी तरीके से भारत आए म्यांमा के रोहिंग्या समुदाय के लोगों को वापस भेजने के मामले में सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अपना पक्ष रख दिया है और अब इस मामले में अदालत के फैसले का इंतजार है। सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय में रोहिंग्या मामले में हलफनामा पेश कर दिया है। इसमें सरकार ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। उन्होंने कहा कि अब हमें उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए। इससे पहले भी सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि गैरकानूनी तरीके से भारत आए रोहिंग्या समुदाय के लोगों को वापस भेजा जाएगा। सरकार के इस रुख को रोहिंग्या समुदाय के दो शरणार्थियों ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। सरकार की तरफ से इस मामले में अदालत के समक्ष हलफनामा पेश कर अपने रुख की जानकारी दी जानी थी।
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बल के जवानों से सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही गलत खबरों और अनर्गल जानकारियों से बचने की अपील की है। सिंह ने सोमवार को यहां सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की खुफिया इकाई की शुरुआत करते हुए सोशल मीडिया के जरिये गलत सूचनाओं को आगे नहीं ब़ढाने के प्रति आगाह किया। सिंह ने कहा कि व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्वीटर सहित सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों पर देशविरोधी और अराजक तत्व अनर्गल जानकारियां फैला रहे हैं। लोग इन्हें सच मानकर आगे ब़ढा देते हैं। सिंह ने सशस्त्र बल के जवानों से इस तरह की जानकारियों को सच नहीं मानने की अपील करते हुए कहा कि इनकी पुख्ता जांच किए बिना आगे न ब़ढायें।इससे पहले उन्होंने केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के सेवानिवृत्त और शहीद जवानों के परिजनों की मदद के लिए शुरु किए गए मोबाइल एप वार्ब को एसएसबी की कारगर पहल बताया। उन्होंने इस पहल को प्रभावी बनाने के लिए सशस्त्र बल के प्रत्येक अधिकारी से संबद्ध बल के कम से कम एक शहीद के परिवार की देखभाल या किसी अन्य प्रकार से मदद करने की जिम्मेदारी लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस पहल से न सिर्फ पीि़डत परिवार बल्कि सरकार की भी मदद होगी। सिंह ने कहा कि सशस्त्र बल के जवानों की पारिवारिक या अन्य गंभीर निजी समस्याओं से निपटने की भी मंत्रालय ने पहल की है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मंत्रालय द्वारा जल्द ही कार्ययोजना का खुलासा किया जाएगा। इस अवसर पर सिंह ने एसएसबी के शहीद जवानों के शौर्य की दास्तान पर आधारित पुस्तक प्राइड ऑफ एसएसबी का अवलोकन किया। उन्होंने कल्याण योजना के तहत शहीद जवानों के १९ बच्चों को शैक्षिक सहायता राशि प्रदान की। इससे पहले एसएसबी की महानिदेशक अर्चना रामसुंदरम ने बताया कि वार्ब एप के जरिये सीएपीएफ के सेवानिवृत्त जवान और उनके परिजन अपनी समस्याओं और शिकायतों का समाधान पा सकते हैं। इसमें जवानों की पेंशन संबंधी समस्याओं या शिकायतों के अलावा जवानों के बच्चे रोजगार, शिक्षा और प्रशिक्षण संबंधी जानकारियां भी हासिल कर सकेंगे। रामसुंदरम ने एसएसबी की अन्य उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बताया कि सीमावर्ती इलाकों में तैनात जवानों के परिजनों के लिए दिल्ली सहित ११ अन्य शहरों में आवास सुविधा दी जाएगी। इसी तरह आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी एसएसबी ने योगदान की पहल करते हुए बल के सलोनीबा़डी प्रशिक्षण केन्द्र में आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देने की भी पहल की है। इस मौके पर खुफिया ब्यूरो के प्रमुख राजीव जैन ने ६५० कर्मियों के साथ शुरु की गई एसएसबी की खुफिया इकाई को समग्र खुफिया तंत्र को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम बताया। उन्होंने कहा कि इससे नेपाल और भूटान की खुली सीमा से होने वाली तस्करी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने में मदद मिलेगी।