प. बंगाल में भाजपा के बढ़ते जनाधार से उलझन में ममता, इस्तीफे की पेशकश

प. बंगाल में भाजपा के बढ़ते जनाधार से उलझन में ममता, इस्तीफे की पेशकश

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए।

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को तगड़ा झटका लगने के बाद शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस्तीफे की पेशकश कर दी। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कार्यसमिति की बैठक में इस्तीफे की पेशकश की थी, जिसे स्वीकार नहीं किया गया।

वहीं, ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताकर सबको चौंका दिया। साथ ही उन्होंने केंद्रीय सुरक्षा बलों और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वे उनके खिलाफ काम कर रहे हैं।

ममता बनर्जी के इस बयान की पश्चिम बंगाल सहित देशभर में खूब चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि बंगाल में भाजपा के बढ़ते जनाधार के मद्देनजर ममता ने इस्तीफे की पेशकश की है। तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में कई सीटें भाजपा के खाते में जाने के बाद बैठक की। बैठक के बाद ममता बनर्जी ने प्रेसवार्ता को संबोधित किया।

प्रेसवार्ता में ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने बैठक के प्रारंभ में ही कह दिया था कि मैं अब बतौर मुख्यमंत्री काम नहीं करना चाहती। वहीं, एक रिपोर्ट में बताया गया है कि तृणमूल कांग्रेस नेताओं ने ममता की इस पेशकश को स्वीकार नहीं किया।

ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग और केंद्रीय सुरक्षा बलों पर भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सुरक्षा बल ने उनके खिलाफ काम किया। आपातकाल जैसी स्थिति पैदा कर दी गई थी। हिंदू-मुस्लिम के नाम पर वोटों को बांटा गया। ममता ने कहा कि हमने चुनाव आयोग को शिकायत की, लेकिन उन्होंने भी कुछ नहीं किया।

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के दौरान हुई हिंसा पर देशभर में चिंता व्यक्त की गई थी। खासतौर से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोडशो में बवाल के बाद यह आरोप लगाए गए कि तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने हिंसा की थी। हालांकि दूसरी ओर, ममता बनर्जी ने भाजपा पर पटलवार कर उसके नेतृत्व को घटना का जिम्मेदार ठहराया।

चुनाव परिणाम तृणमूल की आशा के अनुरूप नहीं आए। यहां भाजपा 18 सीटों पर कमल खिलाने में कामयाब रही। तृणमूल अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराने में विफल रही। उसने 43.3 प्रतिशत वोट प्राप्त कर 42 में से 22 सीटें जीतीं। जबकि भाजपा का वोट शेयर उससे थोड़ा कम यानी 40.3 प्रतिशत रहा। प. बंगाल में भाजपा के उदय ने तृणमूल को उलझन में डाल दिया है।

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