नेताओं का एक वर्ग ऐसा है, जो धर्म का मखौल उड़ाता है: मोदी

प्रधानमंत्री ने बागेश्वर धाम मेडिकल एंड साइंस रिसर्च इंस्टीट्यूट की आधारशिला रखी

नेताओं का एक वर्ग ऐसा है, जो धर्म का मखौल उड़ाता है: मोदी

Photo: @bjp YouTube Channel

छतरपुर/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मध्य प्रदेश में छतरपुर के गढ़ा गांव में बागेश्वर धाम मेडिकल एंड साइंस रिसर्च इंस्टीट्यूट की आधारशिला रखी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बहुत ही कम दिनों में मुझे दूसरी बार, वीरों की इस धरती बुंदेलखंड आने का सौभाग्य मिला है और इस बार तो बालाजी का बुलावा आया है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि हनुमानजी की कृपा है कि आस्था का यह केंद्र अब आरोग्य का भी केंद्र बनने जा रहा है। अभी मैंने यहां श्रीबागेश्वर धाम चिकित्सा एवं विज्ञान अनुसंधान संस्थान का भूमिपूजन किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संस्थान 10 एकड़ में बनेगा। पहले चरण में ही इसमें 100 बेड की सुविधा तैयार होगी। मैं इस पुनीत कार्य के लिए धीरेन्द्र शास्त्रीजी का अभिनंदन करता हूं और बुंदेलखंड के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस माहौल में मेरे छोटे भाई धीरेन्द्र शास्त्री काफी समय से देश में एकता के मंत्र को लेकर लोगों को जागरूरत करते रहे हैं। अब उन्होंने समाज और मानवता के हित में एक और संकल्प लिया है। इस कैंसर संस्थान के निर्माण की ठानी है। अब यहां बागेश्वर धाम में भजन, भोजन और निरोगी जीवन तीनों का आशीर्वाद मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजकल हम देखते हैं कि नेताओं का एक वर्ग ऐसा है, जो धर्म का मखौल उड़ाता है, उपहास उड़ाता है, लोगों को तोड़ने में जुटा है। बहुत बार विदेशी ताकतें भी इन लोगों का साथ देकर देश और धर्म को कमजोर करने की कोशिश करती दिखती हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंदू आस्था से नफरत करने वाले ये लोग सदियों से किसी न किसी वेश में रहते रहे हैं। गुलामी की मानसिकता से घिरे हुए ये लोग हमारे मत, मान्यताओं और मंदिरों पर, हमारे संत, संस्कृति और सिद्धांतों पर हमला करते रहते हैं।  

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लोग हमारे पर्व, परंपराओं और प्रथाओं को गाली देते हैं। जो धर्म, जो संस्कृति स्वभाव से ही प्रगतिशील है, उस पर ये किचड़ उछालने की हिम्मत दिखाते हैं। हमारे समाज को बांटना और उसको तोड़ना ही इनका एजेंडा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे मंदिर, हमारे मठ, हमारे धाम ... ये एक ओर पूजन और साधन के केंद्र रहे हैं, तो दूसरी ओर विज्ञान और सामाजिक चेतना के भी केंद्र रहे हैं। हमारे ऋषियों ने ही हमें आयुर्वेद का विज्ञान दिया। हमारे ऋषियों ने ही हमें योग का वो विज्ञान दिया, जिसका परचम आज पूरी दुनिया में लहरा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजकल हम देख रहे हैं कि महाकुंभ की हर तरफ चर्चा हो रही है। महाकुंभ अब पूर्णता की ओर है। अब तक करोड़ों लोग वहां पहुंच चुके हैं। करोड़ों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई है, संतों के दर्शन किए हैं। अगर इस महाकुंभ की तरफ नजर करें तो सहज भाव उठ जाता है- यह एकता का महाकुंभ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महाकुंभ से आया हुआ हर यात्री कह रहा है कि इस बार एकता के महाकुंभ में पुलिसकर्मियों ने जो काम किया है- एक साधक की तरह, एक सेवावृत्ति की तरह, पूरी नम्रता के साथ। इस एकता के महाकुंभ में जिन पुलिसकर्मियों ने देश का दिल जीत लिया है, वे भी बधाई के पात्र हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एकता के महाकुंभ में हजारों डॉक्टर्स, हजारों स्वयंसेवक स्वतःस्फूर्त भाव से, समर्पित और सेवाभाव से इसमें लगे हुए हैं। जो लोग महाकुंभ में जा रहे हैं, वे इन प्रयासों की सराहना कर रहे हैं। ऐसे ही भारत में कितने ही बड़े-बड़े अस्पताल भी हमारे धार्मिक संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश ने मुझे सेवा का अवसर दिया, तो मैंने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को सरकार का संकल्प बनाया। ‘सबका साथ, सबका विकास’ के इस संकल्प का भी एक बड़ा आधार है- सबका इलाज, सबको आरोग्य।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल जो बजट आया, उसमें भी कैंसर से लड़ने के लिए कई सारी घोषणाएं की गई हैं। मोदी ने तय किया है कि कैंसर की दवाओं को और सस्ता किया जाएगा। अगले तीन साल में देश के हर जिले में कैंसर डे केयर सेंटर खोले जाएंगे।

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