जम्मू-कश्मीर के लोग 'बुलेट' की जगह 'बैलेट' की ताकत को चुन रहे हैं: जेपी नड्डा

नड्डा ने जम्मू में प्रेसवार्ता को संबोधित किया

जम्मू-कश्मीर के लोग 'बुलेट' की जगह 'बैलेट' की ताकत को चुन रहे हैं: जेपी नड्डा

Photo: @BJP4India X account

जम्मू/दक्षिण भारत। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को जम्मू में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर चुनाव की सबसे बड़ी बात है कि यह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ तथा बूथ कैप्चरिंग, गोलीबारी या आतंकी हमले का कोई निशान नहीं दिखा। चुनाव देखने के लिए दुनियाभर के 16 देशों के राजदूत यहां आए थे। यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जब जम्मू-कश्मीर के लोग 'बुलेट' की जगह 'बैलेट' की ताकत को चुन रहे हैं।

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नड्डा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव के दो चरण पूरे हो चुके हैं, जो इस बात का प्रतिबिंब हैं कि किस तरीके से यहां के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्यार, विश्वास और उनकी नीतियों को अपना समर्थन दिया है। यह चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से हुआ है। इ

नड्डा ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर एम्स से लेकर आईआईटी तक भारत के प्रमुख संस्थानों के लिए एक स्थान बन गया है। जम्मू-कश्मीर भारत का ज्ञान केंद्र बन रहा है। यह राज्य के लिए प्रधानमंत्री मोदी का तोहफा है।

नड्डा ने कहा कि जब युवाओं ने आतंक को नकार दिया, जब यहां के युवा शांति, स्थिरता और विकास की ओर चल पड़ा है, तो पीडीपी, एनसी और कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियां आज उन लोगों का साथ दे रही हैं, जो देश के विरोध में काम करते हैं। 

एनसी का घोषणा पत्र कहता है कि हम आतंकवादियों को जेल से रिहा करेंगे, एलओसी से ट्रेड शुरू करेंगे। इसके अलावा वे पाकिस्तान से वार्ता करने को भी बढ़ावा देता है। इसका सर्टिफिकेट पाकिस्तान का रक्षा मंत्री दे रहा है। जो कह रहा है कि भारत में एनसी और कांग्रेस हमारा एजेंडा चला रहे हैं।

नड्डा ने कहा कि जम्मू औसतन साल में 100 दिन बंद रहता था, पिछले पांच साल में जम्मू न बंद हुआ और न ही कोई हड़ताल हुई। जम्मू-कश्मीर के युवाओं ने आतंकवाद को नकार दिया है। यह बहुत बड़ा परिवर्तन है। अनुच्छेद-370 के समाप्त होने से पहले यहां लगभग 300-400 आतंकवादी पैदा होते थे और उन्हें आतंकी घोषित किया जाता था और आज यह संख्या सिर्फ 4 है।

नड्डा ने कहा कि यह पहला विधानसभा चुनाव हो रहा है, जिसमें पीओके, जम्मू-कश्मीर के प्रतिनिधि विधानसभा में बैठेंगे। यह पहला विधानसभा चुनाव हो रहा है, जिसमें कश्मीरी माइग्रेंट्स के नॉमिनेटेड सदस्य विधानसभा में बैठेंगे। कांग्रेस और एनसी ने जम्मू के साथ छलावा किया। यहां के लोगों की भावनाओं को आहत किया, विकास को रोका। जम्मू को विकास से जोड़कर उसे ​मुख्यधारा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोड़ा।

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