यह चुनाव सिर्फ सांसद चुनने का नहीं, बल्कि देश में मजबूत सरकार बनाने का है: मोदी
प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में भाजपा की चुनावी जनसभा को संबोधित किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने 10 वर्षों में आतंकवादियों और भ्रष्टाचारियों पर घेरा बहुत कसा है
उधमपुर/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में भाजपा की चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं पिछले कई दशकों से यहां आ रहा हूं। जम्मू-कश्मीर की धरती पर मेरा आना-जाना पिछले पांच दशकों से चल रहा है।
उन्होंने कहा कि मुझे याद है, साल 1992 में एकता यात्रा के दौरान यहां आपने भव्य स्वागत और सम्मान किया था। आप भी जानते हैं कि तब हमारा मिशन लाल चौक पर तिरंगा फहराने का था। यहां माताओं-बहनों ने बहुत आशीर्वाद दिया था।प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 में माता वैष्णो देवी के दर्शन करके आया था और इसी मैदान पर मैंने आपको गारंटी दी थी कि जम्मू-कश्मीर की अनेक पीढ़ियों ने जो कुछ सहा है, उससे मुक्ति दिलाऊंगा। आज आपके आशीर्वाद से मोदी ने वो गारंटी पूरी कर दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों बाद यह पहला चुनाव है, जब आतंकवाद, अलगाववाद, पत्थरबाजी, बंद, हड़ताल, सीमा पार से गोलीबारी — ये चुनाव के मुद्दे ही नहीं हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज स्थिति एकदम बदल गई है। आज जम्मू-कश्मीर में विकास भी हो रहा है और विश्वास भी बढ़ रहा है। इसलिए आज जम्मू-कश्मीर के चप्पे-चप्पे से एक ही गूंज सुनाई दे रही है- फिर एक बार मोदी सरकार।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह चुनाव सिर्फ सांसद चुनने का नहीं, बल्कि देश में मजबूत सरकार बनाने का है। सरकार जब मजबूत होती है, तो जमीन पर चुनौतियों के बीच भी चुनौतियों को चुनौती देते हुए काम करके दिखाती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आप याद कीजिए, कांग्रेस की कमजोर सरकारों ने शाहपुर कंडी डैम को कैसे दशकों तक लटकाए रखा था! जम्मू के किसानों के खेत सूखे थे, गांव अंधेरे में थे। लेकिन हमारे हक का रावी का पानी पाकिस्तान जा रहा था। मोदी ने किसानों को गारंटी दी थी और इसे भी पूरा करके दिखाया है। इससे कठुआ और सांबा के हजारों किसानों को फायदा हुआ है। यही नहीं, इस डैम से जो बिजली पैदा होगी, वह जम्मू-कश्मीर के घरों को रोशन करेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी विकसित भारत के लिए विकसित जम्मू-कश्मीर के निर्माण की गारंटी दे रहा है। लेकिन कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी, जम्मू-कश्मीर को फिर उन पुराने दिनों की तरफ ले जाना चाहती हैं। इन परिवार चलित पार्टियों ने जम्मू-कश्मीर का जितना नुकसान किया, उतना नुकसान किसी ने नहीं किया है।
इन राजनीतिक पार्टियों का मतलब - परिवार की, परिवार द्वारा और परिवार के लिए। ये कहते थे कि धारा 370 हटी तो आग लग जाएगी, जम्मू-कश्मीर हमें छोड़कर चला जाएगा। लेकिन जम्मू- कश्मीर के नौजवानों ने इनको आईना दिखा दिया। अब देखिए, जब उनकी यहां नहीं चली, जम्मू-कश्मीर के लोग उनकी असलियत जान गए, तो ये लोग अब जम्मू-कश्मीर के बाहर देश के लोगों के बीच भ्रम फैलाने का खेल, खेल रहे हैं। ये कहते हैं कि धारा 370 के हटने से देश को कोई लाभ नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब यहां स्कूल नहीं जलाए जाते, बल्कि स्कूल सजाए जाते हैं। अब यहां एम्स, आईआईटी, आईआईएम बन रहे हैं। अब आधुनिक टनल, आधुनिक चौड़ी सड़कें, शानदार रेल का सफर जम्मू-कश्मीर की तकदीर बन रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू हो या कश्मीर, अब यहां रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु आने लगे हैं। यह सपना यहां की अनेक पीढ़ियों ने देखा है और मैं आपको गारंटी देता हूं कि आपका सपना मोदी का संकल्प है। आपके सपनों को पूरा करने के लिए हर पल आपके नाम, देश के नाम।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने 10 वर्षों में आतंकवादियों और भ्रष्टाचारियों पर घेरा बहुत कसा है। अब आने 5 वर्षों में इस क्षेत्र को विकास की नई ऊंचाई पर ले जाना है। 10 वर्षों के अंदर-अंदर जम्मू-कश्मीर पूरी तरह बदल चुका है। सड़क, बिजली, पानी, यात्रा, प्रवास ये सब तो हैं ही। सबसे बड़ी बात है, जम्मू-कश्मीर का मन बदला है। निराशा से आशा की ओर बढ़े हैं, जीवन पूरी तरह विश्वास से भरा हुआ है। इतना विकास यहां हुआ है, चारों तरफ विकास हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह समय दूर नहीं, जब जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा के चुनाव होंगे। इसे वापस राज्य का दर्जा मिलेगा। आप विधायक, मंत्रियों से अपने सपने साझा कर सकेंगे। ये परिवारवादी पार्टियां विकास की भी विरोधी हैं और विरासत की भी विरोधी हैं। कांग्रेस कहती है कि राम मंदिर भाजपा के लिए चुनावी मुद्दा है। राम मंदिर न चुनावी मुद्दा था, न है और न होगा। राम मंदिर का संघर्ष तो तब से हो रहा था, जब भाजपा का जन्म भी नहीं हुआ था। राम मंदिर का संघर्ष तो 500 साल पुराना है, जब चुनाव का कोई नामोनिशान नहीं था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के नेता बड़े-बड़े बंगलों में रहते थे, लेकिन जब रामलला के टेंट बदलने की बात आती थी, तो ये लोग मुंह फेर लेते थे। बारिश में रामलला का टेंट टपकता रहता था और रामलला के भक्त टेंट बदलवाने के लिए अदालतों के चक्कर काटते रहते थे। यह उन करोड़ों-अरबों लोगों की आस्था पर आघात था, जो राम को अपना आराध्य मानते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं कांग्रेस से पूछता हूं- आपने अपनी सरकार के समय जब राम मंदिर का विरोध किया, तब यह किस चुनाव का मुद्दा था? भगवान राम को काल्पनिक कहकर कांग्रेस किसे खुश करना चाहती थी?