विशेषज्ञों ने 'असमानता' को कम करने के लिए भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की तारीफ की
पैनल ने यूपीआई, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडिया स्टैक 2.0, सीबीडीसी, ब्लॉकचेन और डेटा प्राइवेसी के बारे में चर्चा की

Photo: @NPCI.org.in FB page
दावोस/दक्षिण भारत। वैश्विक विशेषज्ञों के एक समूह ने असमानता को कम करने में भारत के मजबूत डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से यूपीआई की सराहना की है।
इस सप्ताह यहां वर्ल्ड इनोवेशन इकोनॉमिक्स द्वारा आयोजित दावोस इनोवेशन वीक में एक पैनल चर्चा में विशेषज्ञों ने चर्चा की कि कैसे यूपीआई और समग्र डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे ने भारत में नई ऊंचाइयों को छुआ है।पैनल में संजीव सान्याल (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक सलाहकार), फिलिप वेट्स (स्विस बैंकिंग नेता), एफी पाइलरिनौ (स्विस फिनटेक प्रभावशाली) और अशोक रणदिवे (पूर्व-भारतीय नौसेना, पूर्व-गूगल कर्मी, उद्यमी और निवेशक) शामिल थे।
पैनल ने यूपीआई, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडिया स्टैक 2.0, सीबीडीसी, ब्लॉकचेन और डेटा प्राइवेसी के बारे में चर्चा की।
सभी पैनलिस्टों ने अपने मजबूत डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, सुशासन और समावेशी विकास के कारण भारत की तीव्र समावेशी वृद्धि की प्रशंसा की।
पैनल ने इस बात पर भी चर्चा की कि यूपीआई जैसी तकनीक को भविष्य में अमेरिका या यूरोप में कैसे निर्यात किया जा सकता है क्योंकि यह वहां मौजूदा प्लेटफार्मों से बेहतर है।
सान्याल ने भारत के डिजिटल स्टैक 2.0 पर जोर दिया और बताया कि भारत अपने अगले स्तर के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण कैसे कर रहा है।
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