तकनीक का लाभ हर नागरिक तक पहुंचे: सिद्दरामैया

मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने बेंगलूरु टेक समिट-2023 का उद्घाटन किया

तकनीक का लाभ हर नागरिक तक पहुंचे: सिद्दरामैया

इस साल की थीम 'ब्रेकिंग बाउंड्रीज़' है

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, बीटी विभाग और सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित बेंगलूरु टेक समिट के 26वें संस्करण का उद्घाटन बुधवार को बेंगलूरु पैलेस में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की गरिमामयी उपस्थिति में मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने किया।

इस साल की थीम 'ब्रेकिंग बाउंड्रीज़' है, जिसके तहत 30 से अधिक देशों के तकनीकी नेताओं, स्टार्टअप, निवेशकों और अनुसंधान प्रयोगशालाओं के लिए मंच तैयार है।

उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियांक खरगे, बड़े और मध्यम उद्योग मंत्री एमबी पाटिल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री एनएस बोसराजू उपस्थित थे।

समारोह में मुख्य सचिव वंदिता शर्मा, सरकार के सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, बीटी और एस एंड टी विभाग डॉ. एकरूप कौर, निदेशक, एसटीपीआई-बेंगलूरु शैलेन्द्र त्यागी, किट्स के प्रबंध निदेशक दर्शन एचवी सहित गणमान्य लोग मौजूद थे।

उद्घाटन समारोह में प्रतिष्ठित अतिथियों में कजाकिस्तान के डिजिटल विकास, नवाचार और एयरोस्पेस उद्योग मंत्री बगदत मुसिन, एएमडी के ईवीपी और सीटीओ मार्क पेपरमास्टर भी मौजूद थे। फ़िनलैंड की विज्ञान और संस्कृति मंत्री सारी मुल्ताला और जर्मनी के डिजिटल मामले और परिवहन मंत्री वोल्कर विसिंग ने रिकॉर्डेड संदेश दिया।

कार्यक्रम को भारतीय उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों रिशद प्रेमजी, डॉ. किरण मजूमदार-शॉ, क्रिस गोपालकृष्णन, प्रशांत प्रकाश, निवृत्ति राय, बीवी नायडू, अरविंद कुमार की उपस्थिति ने भव्य बनाया।

तकनीकी नवाचार में महत्त्वपूर्ण भूमिका

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने कहा, 'तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने में कर्नाटक की महत्त्वपूर्ण भूमिका को लेकर संबोधित करते हुए मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। 5,500 से अधिक आईटी/आईटीईएस कंपनियों और 750 बहुराष्ट्रीय निगमों वाला हमारा राज्य, देश के निर्यात में लगभग 85 बिलियन डॉलर का योगदान देता है।'

उन्होंने कहा कि वैश्विक क्षमता केंद्रों के लिए कर्नाटक पसंदीदा स्थान है, जो भारत में 40 प्रतिशत जीसीसी की मेजबानी करता है। हमने आईटी, जैव प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप में क्षेत्र-विशिष्ट नीतियों का बीड़ा उठाया है। बेंगलूरु टेक समिट में, हम अपने प्रगतिशील दृष्टिकोण को प्रदर्शित करते हुए संशोधित बायोटेक नीति का अनावरण करेंगे और एवीजीसी-एक्सआर नीति लॉन्च करेंगे।

उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य शासन में सूचित निर्णय लेने के लिए डेटा और एनालिटिक्स की शक्ति का उपयोग करना है। बियॉन्ड बेंगलूरु उस दिशा में एक अनूठी पहल है, जिसका प्राथमिक ध्यान बेंगलूरु से परे के क्षेत्रों में पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने तथा बढ़ाने और डिजिटल विभाजन को पाटने पर है।

उन्होंने कहा, हमारी सरकार एक निर्बाध पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण पर केंद्रित है, जो निवेश, प्रतिभा और अवसरों को आकर्षित करती है। हम चाहते हैं कि कर्नाटक को नवाचार और बढ़ते व्यवसायों के लिए एंड-टू-एंड इकोसिस्टम वाले केंद्र के रूप में देखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल विभाजन एक वास्तविकता है, जिसकी ओर हमें ध्यान देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि तकनीक का लाभ हर नागरिक तक पहुंचे, चाहे उसकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो।

निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध

उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, हम जानते हैं कि भारत की तकनीकी प्रतिभाएं वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा करती हैं और हम इस क्षेत्र में निरंतर प्रयास कर रहे हैं। अपने प्रतिभा समूह को और मजबूत करने के एक और कदम के रूप में, हम ग्रामीण प्राथमिक शिक्षा प्रणाली में निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम कॉरपोरेट्स से अनुरोध करते हैं कि वे अपने सीएसआर बजट को कर्नाटक राज्य में ग्रामीण प्राथमिक शिक्षा को मजबूत करने में निवेश करें, ताकि छोटे बच्चों को समान अवसर मिल सकें।

अपनी उपलब्धियों पर गर्व

प्रियांक खरगे ने कहा, 'ब्रेकिंग बाउंड्रीज़' थीम के साथ हमारा उद्देश्य वैश्विक तकनीकी समुदायों को प्रेरित करना, नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देना है। दुनिया के चौथे सबसे बड़े तकनीकी क्लस्टर के रूप में कर्नाटक का विकास, एक बीपीओ हब से अनुसंधान एवं विकास और नवाचार उपकेंद्र में परिवर्तित होना उल्लेखनीय है। भारत के सबसे नवोन्वेषी राज्य होने से लेकर भारत विनिर्माण नवप्रवर्तन सूचकांक में अग्रणी होने तक, हम अपनी उपलब्धियों पर गर्व करते हैं।

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