कोलकाता: तेजस्वी सूर्या ने कारखाने का दौरा कर मेट्रो रेक की समय पर डिलीवरी पर जोर दिया
बेंगलूरु दक्षिण के सांसद ने मेट्रो कोच की उत्पादन सुविधा का भी उद्घाटन किया
सूर्या ने बेंगलूरु मेट्रो की येलो लाइन के लिए कोचों के निर्माण में हो रही प्रगति की भी समीक्षा की
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। बेंगलूरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या ने हाल ही में कोलकाता में मेट्रो रेल विनिर्माण इकाई का दौरा किया और बेंगलूरु मेट्रो की येलो लाइन के लिए रेक की समय पर डिलीवरी पर जोर दिया।
उन्होंने कोलकाता में टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लि. इकाई में मेट्रो कोच की घरेलू उत्पादन सुविधा का भी उद्घाटन किया। सूर्या ने बेंगलूरु मेट्रो की येलो लाइन के लिए कोचों के निर्माण में हो रही प्रगति की भी समीक्षा की।दौरे के बारे में अपडेट साझा करते हुए सूर्या ने ट्वीट किया, 'रोलिंग स्टॉक के निर्माण की तैयारियों को देखने के लिए, मैंने पिछले सप्ताह कोलकाता में टीटागढ़ रेल सिस्टम्स फैक्ट्री का दौरा किया। हमने सीआरआरसी के प्रतिनिधियों के साथ-साथ नेतृत्व टीम के साथ विस्तृत बैठकें कीं। सीमा शुल्क, वीजा और अन्य चुनौतियों से संबंधित मुद्दों को केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी के संज्ञान में भी लाया गया।'
उन्होंने कहा, 'टीटागढ़ की टीम समय पर रोलिंग स्टॉक पहुंचाने के लिए सबकुछ करने के लिए प्रतिबद्ध है।'
मेट्रो के लिए कोचों का निर्माण
बेंगलूरु मेट्रो के लिए कोचों का निर्माण चीनी फर्म सीआरआरसी नानजिंग पुज़ेन लि. द्वारा अपने घरेलू साझेदार टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लि. के साथ किया जा रहा है। विशेष रूप से येलो लाइन के लिए, सीआरआरसी 2 रेक (मेट्रो ट्रेन) का निर्माण और डिस्पैच करेगी, जबकि 5 और टीटागढ़ द्वारा बनाए जाएंगे।
सूर्या की यात्रा 4 अक्टूबर को येलो लाइन के निरीक्षण के बाद हुई, जहां उन्होंने मेट्रो के लिए रोलिंग स्टॉक के साथ आपूर्ति के मुद्दों के बारे में जाना। हालांकि वे येलो लाइन को समय पर पूरा करने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन रोलिंग स्टॉक की समस्या के कारण बीएमआरसीएल के लिए फरवरी 2024 की लक्ष्य पूरा करने की तारीख तक इसे बनाना मुश्किल बताया जा रहा है।
अब तक यह प्रगति
सूर्या ने एक ट्वीट में कहा, 'एक महीने पहले सिविल कार्यों के निरीक्षण के बाद मुझे विश्वास हो गया कि साल 2024 की शुरुआत में सेवाएं शुरू करने में एकमात्र बड़ी बाधा रोलिंग स्टॉक और ट्रेन कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम (टीसीएमएस) सॉफ्टवेयर की उपलब्धता है। इन मुद्दों को सुलझाने और येलो लाइन को चालू करने के लिए फरवरी 2024 की समयसीमा पर मेरे मन में भी संदेह था, जैसा कि बीएमआरसीएल अधिकारियों ने सुझाव दिया था।
उन्होंने कहा, 'मैंने इन दोनों मुद्दों के समाधान के लिए सीआरआरसी, टीटागढ़ रेल सिस्टम्स और बीएमआरसीएल सहित विभिन्न हितधारकों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की थी। बहुत विचार-विमर्श के बाद, सीआरआरसी जनवरी से पहले दो ट्रेनें देने पर सहमत हुई। यह फैसला लिया गया कि बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए बीएमआरसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम बीजिंग का दौरा करेगी। ढोके के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम ने बीजिंग का दौरा किया है। उन्होंने मुझे बताया कि उनकी बैठकें बहुत उपयोगी रही हैं।'
पांच अक्टूबर को आयोजित की गई वीडियो कॉन्फ्रेंस में, जिसका उल्लेख सूर्या ने अपने ट्वीट में किया था, बीएमआरसीएल के प्रबंध निदेशक अंजुम परवेज, टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लि. के प्रबंध निदेशक उमेश चौधरी और सीआरआरसी के अधिकारी मौजूद थे।
सॉफ्टवेयर की डिलीवरी पर चर्चा
वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रेन कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम (टीसीएमएस) सॉफ्टवेयर की डिलीवरी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके बाद सूर्या ने अधिकारियों को टीसीएमएस सॉफ्टवेयर देनेवाली कंपनी सीआरआरसी और मेल्को के साथ काम करने का निर्देश दिया, ताकि समयसीमा का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
सूर्या ने अपने ट्वीट में कहा, 'हालांकि सबसे बड़ा आश्चर्य टीसीएमएस सॉफ्टवेयर था। सीआरआरसी अधिकारियों ने चिंता व्यक्त की कि मेल्को केवल जून 2024 में सॉफ्टवेयर देगी। इससे फरवरी 2024 की समयसीमा पूरी तरह विफल हो जाएगी।'
'इसके लिए हमने निर्णय लिया कि बीएमआरसीएल का वरिष्ठ नेतृत्व सॉफ्टवेयर की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए सीआरआरसी और मेल्को दोनों के साथ चर्चा करेगा।'
सूर्या ने कहा, 'इन बैठकों के अनुसार, अधिकारियों ने मुझे सूचित किया कि कुछ तकनीकी विशिष्टताओं में बदलाव और बजटीय प्रावधानों के साथ मेल्को परीक्षण और इंटीग्रेशन को सक्षम करते हुए जनवरी 2024 में टीसीएमएस सॉफ्टवेयर का बीटा संस्करण देने के लिए सहमत हो गई है।'
चीजें आगे बढ़ रही हैं
सूर्या ने कहा, 'आज की स्थिति के अनुसार, चीजें चाही गई दिशा में आगे बढ़ रही हैं, लेकिन बीएमआरसीएल को आत्मसंतुष्ट नहीं होना चाहिए। मैं सावधानी के साथ आशावादी हूं। जैसे चीजें आगे बढ़ेंगी, मैं आपको और विवरण के साथ अपडेट करता रहूंगा।'
बता दें कि येलो लाइन 16 स्टेशनों के साथ आरवी रोड से बोम्मसंद्रा तक 18.8 किमी तक फैली हुई है। यह बेंगलूरु दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र के दो छोर और महत्त्वपूर्ण आईटीबीटी गलियारे तथा औद्योगिक गलियारों को जोड़ती है।