वंदे भारत ट्रेनों के संचालन और प्रबंधन में कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर दिया जा रहा खास ध्यान
गार्ड और लोको पायलट के बीच ध्वनि संचार सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है
दक्षिण रेलवे इस प्रतिष्ठित एक्सप्रेस के सुरक्षित संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार लोको पायलटों को उचित प्रशिक्षण दे रहा है
चेन्नई/दक्षिण भारत। वंदे भारत ट्रेन सेवाएं देशभर में रेल यात्रियों के अनुभव को सुखद व यादगार बना रही हैं। दक्षिण रेलवे में तीन वंदे भारत ट्रेन डॉ. एमजीआर चेन्नई सेंट्रल - मैसूरु - डॉ. एमजीआर चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस, डॉ. एमजीआर चेन्नई सेंट्रल - कोयंबटूर - डॉ. एमजीआर चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस, तिरुवनंतपुरम सेंट्रल - कासरगोड - तिरुवनंतपुरम सेंट्रल वंदे भारत एक्सप्रेस सेवाए चल रही हैं।
ये प्रीमियम सेवाएं यात्रियों के बीच लोकप्रिय हैं और अच्छी ऑक्यूपेंसी के साथ चल रही हैं। दक्षिण रेलवे इस प्रतिष्ठित एक्सप्रेस के सुरक्षित संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार लोको पायलटों को उचित प्रशिक्षण दे रहा है।
लोको पायलटों को वंदे भारत के संचालन में सक्षम बनाने के लिए, जो चेन्नई-अराक्कोनम जैसे खंडों में 160 किमी प्रति घंटे और 130 किमी प्रति घंटे की गति से चलने में सक्षम है, गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम किए जा रहे हैं।
वहीं, सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने के लिए वंदे भारत में क्रू-अनुकूल कैब उपलब्ध कराई जा रही हैं। बेहतर दृष्टि के लिए चौड़ी स्क्रीन दी गई है। लोको पायलट और सहायक लोको पायलट के लिए एर्गोनोमिक सीटें दी गई हैं। सिग्नल एक्सचेंज के लिए अत्याधुनिक तकनीक उपलब्ध कराई गई है। चालक दल के लिए एयर कंडीशन की सुविधा दी गई है। ओएचई की स्थिति देखने के लिए आगे और पीछे वीडियो डिस्प्ले दिया गया है। यही नहीं, गार्ड और लोको पायलट के बीच ध्वनि संचार सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
About The Author
Related Posts
Post Comment
Latest News

Comment List