'इंडिया' और 'भारत' की बहस पर क्या बोले डीके शिवकुमार?
इंडिया-भारत नामकरण विवाद के बीच, उन्होंने केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर कटाक्ष करते हुए सवाल किया ...
उनके अनुसार, नाम बदलने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बुधवार को कहा कि देश का नाम 'इंडिया' से 'भारत' करने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा, जब तक कि इससे लोगों को फायदा न हो।
इंडिया-भारत नामकरण विवाद के बीच, उन्होंने केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर कटाक्ष करते हुए सवाल किया कि उनका कौनसा वादा पूरा हुआ।शिवकुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘देश बदलना महत्त्वपूर्ण है, नाम बदलना नहीं। देश में बदलाव होना चाहिए, जिसे वे ‘भारत’ कह रहे हैं, उस भारत में कुछ बदलाव होना चाहिए।’
उन्होंने पूछा, 'नाम बदलने से आपको क्या मिलेगा? क्या आपके रहन-सहन में कोई बदलाव आया है? क्या आपकी आय दोगुनी हो गई है? क्या आपके जीवन में कोई विकास हुआ है? क्या आपको नौकरी मिल गई? क्या आपके बैंक खातों में 15 लाख रुपए जमा हुए हैं?'
यह कहते हुए कि पहले वादों को पूरा करना होगा, शिवकुमार ने दावा किया कि नौकरियां देने, मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और बैंक खातों में 15 लाख रुपए जमा कराने जैसा कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा, क्या वे बातें पूरी हुईं? कुछ नहीं हुआ। कई अमीर लोगों, अरबपतियों ने अपने पासपोर्ट सरेंडर कर दिए और यह देश छोड़ दिया। पहले उन्हें इसका उत्तर देने दीजिए। जिन लोगों ने यहीं पैसा कमाया, यहीं पले-बढ़े, वे दूर जा रहे हैं।
उनके अनुसार, नाम बदलने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। सबसे पहले आचरण और विचार बदलने होंगे।
शिवकुमार ने कहा, उन्हें शिक्षा का अधिकार, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, किसानों के लिए भूमि, खाद्य सुरक्षा अधिनियम जैसे कानून लाने दें, जो हमने पेश किए थे। तभी हम (नया नाम) स्वीकार करेंगे।