‘सम्मेद शिखरजी’ पर पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगाने के बाद जैन समुदाय ने मोदी को धन्यवाद कहा
इससे यह सुनिश्चित होगा कि पवित्र तीर्थ स्थल की पवित्रता बनी रहेगी
उन्होंने एक बयान में कहा, हमारी चिंताओं को दूर कर दिया गया है और इस मुद्दे को हमारी संतुष्टि के अनुरूप सुलझा लिया गया है
नई दिल्ली/दक्षिण भारत/भाषा। केंद्र सरकार द्वारा झारखंड में जैन समुदाय के धार्मिक स्थल ‘सम्मेद शिखरजी’ से संबंधित पारसनाथ पहाड़ी पर सभी प्रकार की पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगाने और झारखंड सरकार को इसकी शुचिता अक्षुण्ण रखने के लिए तत्काल सभी जरूरी कदम उठाने का निर्देश देने के बाद विभिन्न जैन समूहों के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
उन्होंने इस संबंध में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया और कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि उनके सबसे पवित्र तीर्थ स्थल की पवित्रता बनी रहेगी।
उन्होंने एक बयान में कहा, हमारी चिंताओं को दूर कर दिया गया है और इस मुद्दे को हमारी संतुष्टि के अनुरूप सुलझा लिया गया है।
बता दें कि पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र की पवित्रता और जैन समुदाय के साथ-साथ राष्ट्र के लिए इसके महत्व को पहचानती है; और इसे बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराती है।
केंद्र सरकार ने कहा कि राज्य सरकार को भी पारसनाथ पहाड़ी पर शराब और मांसाहारी खाद्य पदार्थों की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करना चाहिए।
इससे पहले, केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि झारखंड में अपने एक पवित्र स्थल की सुरक्षा की मांग कर रहे जैन समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।
रेड्डी ने कहा था कि केंद्र सरकार पहले ही इस मुद्दे को झारखंड सरकार के सामने उठा चुकी है और उन्होंने खुद इस मुद्दे को उठाते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है।
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