कई देश गिरती अर्थव्यवस्था से चिंतित, भारत छू रहा नई ऊंचाइयां: मोदी
प्रधानमंत्री ने विशाखापत्तनम में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत की
विशाखापत्तनम/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि विशाखापत्तनम प्राचीन भारत का महत्वपूर्ण बंदरगाह था। इसके जरिए दुनियाभर में व्यापार होता था। आज भी विशाखापत्तनम भारत में व्यापार का केंद्र है। 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास आंध्र प्रदेश और विशाखापत्तनम की आकांक्षाओं को पूरा करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस अवसर पर, मैं हमारे पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और हरि बाबू को धन्यवाद देना चाहता हूं, क्योंकि उन्होंने आंध्र प्रदेश के विकास के बारे में बहुत चर्चा की। आंध्र प्रदेश के लिए उनका प्यार और प्रतिबद्धता अद्वितीय है।प्रधानमंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश के लोग प्यार करने वाले स्वभाव के और उद्यमशील होते हैं। आज दुनिया के कोने-कोने और क्षेत्र में आंध्र प्रदेश के लोग अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। हर क्षेत्र में आंध्र प्रदेश के लोगों ने अपना नाम कमाया है। यह उनके मिलनसार और खुशमिजाज स्वभाव के कारण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम बुनियादी ढांचे के बारे में हमारी दृष्टि को दर्शाता है। हमारे पास समावेशी विकास और समावेशी विकास का विजन है। हम इस बारे में स्पष्ट हैं कि हमें बुनियादी ढांचे में किस पर ध्यान देना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी पर निर्भर करते हैं। इसलिए हमने इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर नया अप्रोच अपनाया। हमने विकास के एकीकृत दृष्टिकोण को महत्व दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जिस आर्थिक कॉरिडोर का हमने शिलान्यास किया, उसमें 6 लेन की सड़क है। बंदरगाह तक पहुंचने के लिए अलग सड़क बनाई जाएगी। एक तरफ हम विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास कर रहे हैं और दूसरी तरफ हम बंदरगाह का आधुनिकीकरण कर रहे हैं।
पीएलआई योजना, जीएसटी, आईबीसी, राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन और गति शक्ति के कारण भारत में निवेश बढ़ रहा है। इसके अलावा, हम गरीबों के कल्याण के लिए योजनाओं का विस्तार कर रहे हैं। गति शक्ति योजना ने बुनियादी ढांचे के निर्माण में तेजी लाई है और परियोजनाओं की लागत कम की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञ और बुद्धिजीवी भारत की तारीफ कर रहे हैं। आज भारत विश्व की आशा का केंद्र बन गया है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि हम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा विश्व संघर्ष के दौर से गुजर रहा है। (कई) देश अपनी गिरती अर्थव्यवस्था से चिंतित हैं। हालाँकि, भारत कई क्षेत्रों में नई ऊंचाइयों को छू रहा है और इतिहास रच रहा है। दुनिया भारत की ओर देख रही है।