बच्चों में श्रवण समस्याओं की जांच की योजना हुई शुरु

बच्चों में श्रवण समस्याओं की जांच की योजना हुई शुरु

चेन्नई। मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी ने बुधवार को नवजात शिशुओं में होने वाली श्रवण संंबंधित समस्याओं का पता लगाने के लिए एक चिकित्सकीय जांच योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने वडपलनी सामुदायिक केन्द्र में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस योजना का उद्घाटन किया। इस योजना के तहत तीन वर्ष के बच्चों के कानों की जांच की जाएगी और उनमें यदि सुनने से संबंधित समस्या होगी तो उसका समुचित उपचार करवाया जाएगा। इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सत्तारुढ अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) सरकार नवजात शिशुओं को होने वाली बीमारियों का उत्कृष्ट उपचार दिलवाने के लिए लगातार कार्य कर रही है।बुधवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति जारी कर इस बात की जानकारी दी गई। विज्ञप्ति के अनुसार इस परियोजना को पायलट परियोजना के तौर पर शिवगंगा जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में शुरु किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने ३,३०,७७,६०० रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है। इसे प्राथमिक चरण में ११ मातृ शिशु अस्पतालों में शुरु करने की योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य नवजात शिशुओं के जन्म के बाद छह महीने के भीतर उनके श्रवण संबंधी समस्याओं के बारे में पता लगाना है। बच्चों में श्रवण संबंधी समस्याओं का जितना जल्दी पता चल जाता है उनका उपचार करना उतना ही आसान होता है। उम्र बढने के साथ ही बच्चों में श्रवण संबंधी समस्याएं भी बढने लगती हैं और एक निश्चित उम्र के बाद उनकी इस प्रकार की बीमारी का इलाज करना काफी कठिन होता है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री जयलललिता ने अपने कार्यकाल के दौरान शिशु मृत्यु दर रोकने और नवजात शिशुओं में होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए सरकारी अस्पतालों में बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर ध्यान दिया और राज्य की मौजूदा अन्नाद्रमुक सरकार भी इस कार्य को आगे बढाने पर ध्यान दे रही है। विज्ञप्ति में बताया गया है कि पायलट परियोजना पर शिवगंगा जिले के अस्पतालों में शुरु की गई इस योजना का राज्य के अन्य जिलों में भी विस्तार किया जाएगा। इस परियोजना के लिए विशेष उपकरणों को प्राप्त किया गया है। इससे प्राथमिक चरण में शिवगंगा जिले के लगभग १ लाख बच्चों को फायदा होने की उम्मीद है।बुधवार को मुख्यमंत्री ने इसी कार्यक्रम के दौरान राज्य के ट्रैफिक सिग्नलों पर लगाए गए ३०० स्पीकरों का शुभारंभ किया। इन स्पीकरों को यातायात सिग्नलों पर ४४,८२,००० रुपए की लागत से स्थापित किया गया है। इसे मुख्य रुप से ठीक ढंग से नहीं सुन पा रहे बुजुर्ग नागरिकों को स़डक पार करने में आसानी हो इस उद्देश्य के साथ लगाया गया है। मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कामराजार-बसंतनगर जंक्शन पर मानवरहित यातायात सिग्नल पर इस प्रकार के एक स्पीकर का शुभारंभ कर सांकेतिक तौर पर इस योजना का उद्घाटन किया। आने वाले समय में इस प्रकार के स्पीकरों को चेन्नई के सभी यातायात सिग्ननलों पर उपलब्ध करवाने पर भी विचार किया जा रहा है।

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