बेंगलूरु पहुंचने के बाद पृथकवास में जाने से किया इंकार, फिर रेलवे ने लिया यह बड़ा फैसला

बेंगलूरु पहुंचने के बाद पृथकवास में जाने से किया इंकार, फिर रेलवे ने लिया यह बड़ा फैसला

बेंगलूरु/भाषा। दिल्ली से एक विशेष ट्रेन में बृहस्पतिवार सुबह बेंगलूरु पहुंचने वाले यात्रियों में से 19 ने उसी ट्रेन से अपने राज्यों को लौटने का फैसला किया है, क्योंकि वे पृथकवास में नहीं जाना चाहते थे।

रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि उनमें से 12 ने सिकंदराबाद, दो ने गुंटाकल, चार ने अनंतपुर और एक ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उतरने का फैसला किया है।

बृहत् बेंगलूरु महानगर पालिके के अधिकारियों के हवाले से रेलवे ने बताया कि दिल्ली से आज 543 मुसाफिर यहां पहुंचे। सीमित संख्या में ट्रेनों का परिचालन शुरू होने के बाद कर्नाटक पहुंचने वाली यह पहली ट्रेन थी।

सरकार के फैसले के मुताबिक, कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के उपाय के तहत उन्हें 14 दिन के लिए पृथकवास केंद्र में भेजा जाएगा। रेलवे ने कहा कि करीब 140 यात्री पृथकवास में जाने को राजी नहीं हुए और उन्होंने इसे लेकर विरोध किया।

https://platform.twitter.com/widgets.js

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के अनुसार, यात्रियों को पृथकवास केंद्र में जाने से मना करते देखा जा सकता है। यात्री समूह में खड़े हैं, तालियां बजा रहे हैं और नारेबाजी कर रहे हैं ‘पृथकवास’ में नहीं।

रेलवे ने बताया कि राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, पुलिस और रेलवे अधिकारियों द्वारा चर्चा के बाद उनमें से अधिकतर पृथकवास में जाने को राजी हो गए।

बयान के मुताबिक, उनमें से 19 ने वापस जाने का फैसला किया और बहुत कम वक्त में रेलवे ने उन्हें वापस भेजने का इंतजाम कर दिया तथा दिल्ली जाने वाली ट्रेन में एक अतिरिक्त कोच लगा दिया। वे टिकट का किराया देने को भी सहमत हो गए थे।

Google News
Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

Advertisement

Latest News

'छद्म युद्ध' की चुनौतियां 'छद्म युद्ध' की चुनौतियां
आर्थिक दृष्टि से अधिक शक्तिशाली भारत अपने दुश्मनों पर और ज्यादा शक्ति के साथ प्रहार कर सकेगा
दपरे: कारगिल युद्ध के वीरों के सम्मान में सेंट्रल हॉस्पिटल ने रक्तदान शिविर लगाया
कर्नाटक सरकार ने रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलूरु दक्षिण करने का फैसला किया
मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटर ने कारगिल युद्ध विजय की 25वीं वर्षगांठ मनाई
एमयूडीए मामला: प्रह्लाद जोशी ने सिद्दरामैया पर आरोप लगाया, सीबीआई जांच की मांग की
भोजनालयों पर नाम प्रदर्शित करने संबंधी निर्देश पर योगी सरकार ने उच्चतम न्यायालय में क्या दलील दी?
'विपक्षी दल के रूप में काम नहीं कर रही भाजपा, कुछ भी गलत या घोटाला नहीं हुआ'