पर्यावरण संरक्षण में नागरिकों को सरकार का सहयोग करना चाहिए : सिद्दरामैया
पर्यावरण संरक्षण में नागरिकों को सरकार का सहयोग करना चाहिए : सिद्दरामैया
बेंगलूरु। मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने कहा है कि पर्यावरण संरक्षण में सभी नागरिकों को सहयोग करना चाहिए। साफ-सफाई बनाए रखने के लिए लोगों को नियम और कानूनों का पालन करना चाहिए लेकिन अफसोस जो लोग अपने अधिकारों के लिए ल़डते हैं वे ही अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्यों को नहीं समझते हैं।पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि तेजी से शहरीकरण की वजह से जनसंख्या और वाहन दोनों ब़ढ रहे हैं और अपशिष्ट जल झीलों को प्रदूषित करने के साथ वायु प्रदूषण फैला रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं लेकिन इनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए नागरिकों के सहयोग की जरूरत है। अपने स्कूली दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह और उनके सहपाठी पास के तालाबों और झीलों से लाये पानी को स्कूल परिसर में पौधों को विकसित करने के लिए इस्तेमाल करते थे।उन्होंने कहा कि आज स्कूली बच्चों के बीच पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने और वृक्षों को विकसित करने की आवश्यकता है। बच्चों को स्वच्छता बनाए रखने और पर्यावरण की सुरक्षा की आवश्यकता के बारे में जागरूक होना चाहिए। सिद्दरामैया ने कहा कि अधिकारी रिपोर्ट करते हैं कि उन्होंने पिछले साल ८ करो़ड पौध लगाए थे और इस साल ६ करो़ड पौधे लगाए हैं, लेकिन दूसरी ओर पे़डों की संख्या लगातार कम हो रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि लगाए जाने वाले पौधे कहां हैं? उन्होंने कहा कि ब़डे पैमाने पर अतिक्रमण के कारण नदियों के पानी के स्रोत को अवरुद्ध कर दिया गया है इसी के चलते शहर गंभीर पानी की समस्या का सामना कर रहे हैं।बृहद बेंगलूरु महानगर पालिके (बीबीएमपी) द्वारा आयोजित एक समारोह में बोलते हुए शहरी विकास मंत्री के जे जॉर्ज ने कहा कि हर किसी को पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में शहर में पौधों के बारे में और अधिक जानकारी जनता को प्रदान की जाएगी ताकि पे़डों को लगाने के लिए कार्यक्रम शुरू किए जा सकें। इस बीच जनरल मोटर्स जिसका यहां प्रौद्योगिक केन्द्र है, ने पर्यावरण सुरक्षा और संरक्षण से संबंधित सामुदायिक आउटरीच गतिविधियों का आयोजन करके विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। जीएम इंडिया का टीसी-१ बेंगलूरु-२०१६ के बाद से झीलों और इनके रखरखाव के प्रति जागरूकता के लिए काम कर रहा है। १५० से अधिक प्रतिभागियों ने प्रसिद्ध चिन्नप्पनहल्ली झील को साफ करने की गतिविधियों के साथ झील के आसपास के पौधों की छंटाई जैसी गतिविधियों को अंजाम दिया।मैसूरु से मिली रिपोर्ट के मुताबिक स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर के एम्बेसेडर जवागल श्रीनाथ ने विश्व पर्यावरण दिवस के साथ कचरे के निपटान के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए यात्रा को हरी झंडी दिखाई। शहर के फोर्ट आंजनैया स्वामी मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में श्रीनाथ ने शहर को साफ रखने के महत्व पर जोर दिया तथा कहा कि मैसूरु देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है जहां लाखों पर्यटक आते हैं। शहर की सुंदरता को बनाए रखने की हम सभी की ि़जम्मेदारी है। मैसूरु को दो बार स्वच्छ शहर का पुरस्कार प्राप्त मिला है। उन्होंने कहा कि अगर कचरा प्रारंभिक चरण में अलग किया जाता है तो कचरा निपटान की समस्या को काफी हद तक हल किया जा सकता है। हमारे चारों तरफ स्वच्छ वातावरण बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करता है और सभी को यह सुनिश्चित करने के प्रयास करने चाहिएं। रैली में विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के सैंक़डों छात्रों ने भाग लिया। जिलाधिकारी डी रणदीप, महापौर एम जे रवि कुमार और निगम आयुक्त जी जगदीश भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
स्कूली बच्चों के बीच पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने और वृक्षों को विकसित करने की आवश्यकता है।