चेन्नईः बाढ़ से बचाव के लिए दक्षिणी उपनगरों में होगा 5 नालों का निर्माण
चेन्नईः बाढ़ से बचाव के लिए दक्षिणी उपनगरों में होगा 5 नालों का निर्माण
चेन्नई/दक्षिण भारत। शहर के दक्षिणी हिस्से को बाढ़ से बचाने के लिए ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन और अन्य एजेंसियां पांच नालों का निर्माण करेंगी। बताया गया कि निगम उत्तरी चेन्नई में 10 दिनों में एक एकीकृत तूफान-जल निकास परियोजना पर काम शुरू करेगा।
इस संबंध में बात करते हुए निगम के आयुक्त जी. प्रकाश ने बताया कि पांच नालों के निर्माण की परियोजना की अनुमानित लागत 400 करोड़ रुपए है। यह बारिश के दौरान पल्लीकरनई दलदली भूमि पर बाढ़ को रोकने के लिए प्रस्तावित की गई थी।किस पद्धति का इस्तेमाल?
उन्होंने परियोजना के स्वरूप के बारे में बताया कि कम से कम 24 किमी के नए नालों को कट-एंड-कवर पद्धति से विकसित किया जाएगा। निगम तीन नालों का निर्माण करेगा। एक पल्लीकरनई से रेडियल रोड के साथ बकिंघम नहर तक तूफान का पानी ले जाएगा। दूसरा पेरुम्बक्कम से बकिंघम नहर तक विकसित किया जाएगा।
इसी प्रकार, तीसरा नुक्कमपलायम से बकिंघम नहर तक होगा। दो नाले लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाए जाएंगे। उनमें से एक थलम्बुर से पानी लेगा और दूसरा नवलूर से। हम 20 दिनों में डिजाइन को अंतिम रूप देंगे।
बरसाती पानी यहां लाता है आफत
जी. प्रकाश ने बताया कि मानसून में अब तक तांबरम में 32 सेंटीमीटर बारिश हुई। तांबरम जैसे क्षेत्रों से तूफान का पानी समुद्र में पहुंचने से पहले बकिंघम नहर और मुत्तुकडु से एक घुमावदार मार्ग लेकर शहर के दक्षिणी हिस्सों में पहुंचता है।
कई उपनगरीय भागों से पानी चेन्नई निगम सीमा में पल्लीकरनई दलदली भूमि तक पहुंचता है, जिससे कई इलाकों में पानी भर जाता है। वेलाचेरी, पेरुंगुडी और पल्लीकरनई जैसे क्षेत्रों में इस मानसून में बाढ़ आ गई।
कब तक पूरा होगा काम?
उत्तरी चेन्नई में, निगम 10 दिनों में तिरुवोटियूर, मनाली और माधवराम जैसे क्षेत्रों में कोस्टाथलियार बेसिन में एकीकृत तूफान-जल निकास परियोजना शुरू करेगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए एशियाई विकास बैंक से फंडिंग मिली है। नालों का निर्माण होने के बाद चेन्नई के सभी हिस्से ढाई साल में बाढ़ जैसी स्थिति का बेहतर ढंग से सामना करने के लिए तैयार हो जाएंगे।
सीवर नेटवर्क का होगा विस्तार
इसके अलावा, चेन्नई रिवर्स रिस्टोरेशन ट्रस्ट को 5,000 करोड़ रुपए का आवंटन हो चुका है। नदियों के प्रदूषण को रोकने के लिए मॉड्यूलर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगेे। शहर के अतिरिक्त क्षेत्रों को भी जल्द ही सीवर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। पानी के ठहराव को रोकने के लिए निगम विल्लीवाक्कम में बाबा नगर की तरह 23 स्थानों पर नालियों का भी विकास करेगा।