पहले उप्र में स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर 24 घंटे चलती थी 'भ्रष्टाचार की साइकिल': मोदी
'2014 से पहले हमारे देश में मेडिकल की सीटें 90 हज़ार से भी कम थीं, बीते 7 वर्षों में देश में मेडिकल की 60 हज़ार नई सीटें जोड़ी गई हैं'
सिद्धार्थनगर/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश में 2,329 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित 9 मेडिकल कॉलेजों का सिद्धार्थनगर से लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज का दिन पूर्वांचल के लिए, पूरे उत्तर प्रदेश के लिए आरोग्य की डबल डोज, एक उपहार लेकर आया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां सिद्धार्थनगर में उप्र के 9 मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण हो रहा है। इसके बाद पूर्वांचल से ही पूरे देश के लिए बहुत जरूरी मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की बड़ी योजना शुरू होने जा रही है।प्रधानमंत्री ने कहा कि आज केंद्र में जो सरकार है, यहां उप्र में जो सरकार है, वह अनेक कर्मयोगियों की दशकों की तपस्या का फल है। सिद्धार्थनगर ने भी स्व. माधव प्रसाद त्रिपाठी के रूप में एक ऐसा समर्पित जनप्रतिनिधि देश को दिया, जिनका अथाह परिश्रम आज राष्ट्र के काम आ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सिद्धार्थनगर के नए मेडिकल कॉलेज का नाम माधव बाबू के नाम पर रखना उनके सेवाभाव के प्रति सच्ची कार्यांजलि है। माधव बाबू का नाम यहां से पढ़कर निकलने वाले युवा डॉक्टरों को जनसेवा की निरंतर प्रेरणा भी देगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 9 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण से, करीब ढाई हज़ार नए बेड्स तैयार हुए हैं, 5 हज़ार से अधिक डॉक्टर और पैरामेडिक्स के लिए रोज़गार के नए अवसर बने हैं। इसके साथ ही हर वर्ष सैकड़ों युवाओं के लिए मेडिकल की पढ़ाई का नया रास्ता खुला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उप्र और पूर्वांचल में आस्था, अध्यात्म और सामाजिक जीवन से जुड़ी बहुत विस्तृत विरासत है। इस विरासत को स्वस्थ, सक्षम और समृद्ध उत्तर प्रदेश के भविष्य के साथ भी जोड़ा जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस पूर्वांचल की छवि पिछली सरकारों ने खराब कर दी थी, जिस पूर्वांचल को दिमागी बुखार से हुई दुखद मौतों की वजह से बदनाम कर दिया गया था, वही पूर्वांचल, वही उत्तर प्रदेश, पूर्वी भारत को सेहत का नया उजाला देने वाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उप्र के भाई-बहन भूल नहीं सकते कि कैसे योगीजी ने संसद में यूपी की बदहाल मेडिकल व्यवस्था की व्यथा सुनाई थी। योगीजी तब मुख्यमंत्री नहीं थे, सांसद थे। उन्हें जनता-जनार्दन ने सेवा का मौका दिया तो कैसे उन्होंने दिमागी बुखार को बढ़ने से रोक दिया, इस क्षेत्र के हजारों बच्चों का जीवन बचा लिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार जब संवेदनशील हो, गरीब का दर्द समझने के लिए मन में करुणा का भाव हो तो इसी तरह काम होता है। क्या कभी किसी को याद आता है कि उप्र के इतिहास में कभी एक साथ इतने मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण हुआ हो? पहले ऐसा क्यों नहीं होता था और अब ऐसा क्यों हो रहा है, इसका एक ही कारण है- राजनीतिक इच्छाशक्ति और राजनीतिक प्राथमिकता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सात साल पहले जो दिल्ली में सरकार थी और चार साल पहले जो यहां उप्र में सरकार थी, वो पूर्वांचल में क्या करते थे? जो पहले सरकार में थे, वो वोट के लिए कहीं डिस्पेंसरी की, कहीं छोटे-मोटे अस्पताल की घोषणा करके बैठ जाते थे।
सालों-साल तक या तो बिल्डिंग ही नहीं बनती थी, बिल्डिंग होती थी तो मशीनें नहीं होती थीं, दोनों हो गईं तो डॉक्टर और दूसरा स्टाफ नहीं होता था। ऊपर से गरीबों के हजारों करोड़ रुपए लूटने वाली भ्रष्टाचार की 'साइकिल' चौबीसों घंटे अलग से चलती रहती थी। सही ही कहा जाता है- 'जाके पांव न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई'।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले हमारे देश में मेडिकल की सीटें 90 हज़ार से भी कम थीं। बीते 7 वर्षों में देश में मेडिकल की 60 हज़ार नई सीटें जोड़ी गई हैं। यहां उत्तर प्रदेश में भी 2017 तक सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल की सिर्फ 1,900 सीटें थीं। जबकि डबल इंजन की सरकार में पिछले चार साल में ही 1,900 सीटों से ज्यादा मेडिकल सीटों की बढ़ोतरी की गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में डबल इंजन की सरकार ने हर गरीब तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए बहुत ईमानदारी से प्रयास किया है। हमने देश में नई स्वास्थ्य नीति लागू की, ताकि गरीब को सस्ता इलाज मिलें और उसे बीमारियों से भी बचाया जा सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां उप्र में भी 90 लाख मरीजों को आयुष्मान भारत के तहत मुफ्त इलाज मिला है। आयुष्मान भारत की वजह से इन गरीबों के करीब एक हजार करोड़ रुपए इलाज में खर्च होने से बचे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि योगीजी की सरकार से पहले यहां जो सरकार थी, उसने अपने कार्यकाल में UP में सिर्फ 6 मेडिकल कॉलेज बनवाए थे। उनके कार्यकाल में 16 मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं और 30 नए मेडिकल कॉलेजों पर तेजी से काम चल रहा है।
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