अंतरिक्ष में जाने पर कैसे ‘भयानक’ हो जाता है इंसान का शरीर

अंतरिक्ष में जाने पर कैसे ‘भयानक’ हो जाता है इंसान का शरीर

निया का हर शख्स अंतरिक्ष में घूमने की चाहत रखता है। लेकिन हर कोई इतना खुशनसीब नहीं होता, कि वह अंतरिक्ष की सैर कर सके। वैज्ञानिक जल्द ही लोगों की इस ख्वाहिश को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए कुछ ही दशकों में अंतरिक्ष यात्रा आम हो जाएगी और लोग अंतरिक्ष की सैर कर सकेंगे। शायद आपको नहीं पता होगा कि अंतरिक्ष में जाने पर मनुष्य में क्या-क्या बदलाव आते हैं। आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे कि कोई व्यक्ति अंतरिक्ष में जाता है तो उसे किन-किन शारीरिक बदलावों से गुजरना प़डता है। अंतरिक्ष में जाने पर अंतरिक्षयात्रियों को अपनी सेहत और शरीर का विशेष ध्यान रखना होता है। जिसके लिए उन्हें पहले से ही सलाह और ट्रेनिंग दी जाती है। अपनी मांसपेशियों और शरीर के कई अंगों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने के लिए एक निश्चित अंतराल के बाद अभ्यास करना होता है।अंतरिक्ष में दिल और कान पर आश्चर्यजनक प्रभाव प़डता है। दिल की खून पंप करने की क्षमता कम हो जाती है। साथ ही उसका आकार भी हल्का सा सिकु़डकर गोलाकार हो जाता है। हवीं, कान का अंदरूनी हिस्सा पूरी तरह से अपना काम नहीं कर पाता है। इन वजहों से अंतरिक्ष में लगभग २ दिनों तक अंतरिक्षयात्रियों को मोशन सिकनेस से जूझना प़डता है।

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