पद्माावती फिल्म पर कोई रोक नहीं, उपद्रवियों से सख्ती से निपटेगी सरकार

पद्माावती फिल्म पर कोई रोक नहीं, उपद्रवियों से सख्ती से निपटेगी सरकार

जयपुर। संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती‘ को लेकर विवाद जारी है। एक ओर जहां राज्य के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने मंगलवार को कहा कि फिलहाल ‘पद्मावती‘ पर रोक लगाने को लेकर राजस्थान सरकार ने कोई निर्णय नहीं किया है। उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि सेंसर बोर्ड ने ही फिल्म को पास नहीं किया है तो विवाद किस बात का है।कुछ दिनों पूर्व फिल्म पर रोक लगाने के विचार को लेकर एक उच्च स्तरी कमेटी गठित करने की बात कहने वाले कटारिया ने अब कहा कि कोई कमेटी नहीं बनेगी। कला एवं संस्कृति विभाग फिल्म को लेकर निर्णय करेगा। उन्होंने कहा कि फिल्म पर रोक लगाने को लेकर यदि कहीं कानून व्यवस्था बिगा़डने का प्रयास किया गया तो उपद्रवियों से सख्ती से निपटा जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि रानी पद्मावती बलिदान का प्रतिक है उनके इतिहास के साथ छे़डछा़ड नहीं की जानी चाहिए। इधर राजपूत संगठनों ने पद्मावती पर रोक की मांग को लेकर १९ नवम्बर को दिल्ली में रैली एवं ३० नवम्बर को राजस्थान बंद करने की चेतावनी दी है। क्षत्रिय महासभा और श्री राजपूत करणी सेना यह रैली करने की तैयारी कर रही है। क्षत्रिय महासभा के संयोजक महेन्द्र सिंह एवं बुनकर संघ के पूर्व अध्यक्ष राधेश्याम सिंह तंवर ने कहा कि दिल्ली में रैली के बाद भी फिल्म पर रोक नहीं लगती है तो फिर ३० नवम्बर को राजस्थान बंद किया जाएगा। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य आचार्य धर्मेन्द्र ने संजय लीला भंसाली को सबक सिखाने की चेतावनी देते हुए कहा कि फिल्म निर्माता ने कहा कि महारानी का नाम पद्मनी से बदलकर पद्मावती ही नहीं किया बल्कि चरीत्र भी बदलने का प्रयास किया है। आचार्य धमेन्द्र ने फिल्म सेंसर बोर्ड को कैंसर बोर्ड बताते हुए कहा कि फिल्म पर रोक लगाने का दायित्व केन्द्र सरकार का है। केन्द्र सरकार को हिन्दू आस्थाओं पर संज्ञान लेना चाहिए। आचार्य धमेन्द्र ने बताया कि फिल्म को लेकर मैने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से बात कर कहा कि, महारानी पद्मनी के चरीत्र में बदलाव करने से उनका ही अपमान नहीं हुआ, बल्कि पूरी हिन्दू सभ्यता का नुकसान हुआ और यह अपराध अक्षम्य है। जयपुर में पत्रकारों से बातचीत में आचार्य धमेन्द्र ने कहा कि हिन्दू भावनाओं के साथ प्रचंड बहुमत में आई केन्द्र सरकार का दायित्व है कि भंसाली पर कार्यवाही हो। आचार्य धमेन्द्र ने फिल्म पर रोक की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भी लिखने की बात कही। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के महासचिव अजीत सिंह शेखावत ने एक बयान जारी कर कहा कि भंसाली को नुकसान उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए, उन्हे जल्द ही सबक सिखाया जाएगा। उन्होंने कहा कि नाचने गाने वाले क्या जाने लोगों की भावनाएं। श्री राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष अजीत सिंह माम़डोली ने कहा कि लोगों की भावनाओं के खिलाफ फिल्म के प्रदर्शन का प्रयास किया गया तो देशभर में प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के किसी भी शहर में फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने दिया जाएगा। भाजपा विधायक भवानी सिंह राजावत ने कहा कि हिंदू धर्म की सहिष्णुता का नाजायत फायदा उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि किसी फिल्म निर्माता में हिम्मत है तो दूसरे धर्मों पर फिल्म बनाकर दिखाए। पद्मावती पूरे समाज के लिए बलिदान का प्रतिक है। उन्हे गलत तरह से किसी फिल्म में दिखाया जाना राजस्थान की आन-बान-शान का अपमान है। निर्दलिय विधायक रणधीर सिंह भिंडर ने भी फिल्म पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि विवादित हिस्से को नहीं हटाया गया तो फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि पद्मावती मां का अपमान किसी भी हालात में बर्दास्त नहीं होगा। इससे पहले राज्य के संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौ़ड, विधायक दीया कुमारी ने भी फिल्म से विवादित अंश हटाने की मांग की है। पद्मावती को लेकर राजस्थान के कई शहरों और कस्बों में सोमवार को भी प्रदर्शन हुआ। राजपूत संगठनों के साथ ही अन्य संगठनों ने भी संजय लीला भंसाली के खिलाफ नारेबाजी की। कोटा और नागौर में मंगलवार को सर्वधर्म समाज ने रैली निकाली।

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