नीतीश ने काले दाग धोने के लिए ही नए डिटर्जेंट का प्रयोग शुरू किया : लालू

नीतीश ने काले दाग धोने के लिए ही नए डिटर्जेंट का प्रयोग शुरू किया : लालू

पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक बार फिर हमला बोलते हुए बुधवार को कहा कि नीतीश कुमार ने काले दा़ग धोने के लिए ही आ़जमाए हुए डिटर्जेंट का प्रयोग करना शुरू किया है। यादव ने एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में प्रदेश की नई सरकार में ७५ प्रतिशत से अधिक मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज होने का हवाला देते हुए माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर अपने ख़ास अंदाज में लिखा, ‘काले दा़ग धोने के लिए ही तो आ़जमाए हुए डिटर्जेंट का प्रयोग करना शुरू किया है। इस ट्वीट के माध्यम से यादव ने इशारों ही इशारों में नीतीश कुमार के नए सहयोगी भारतीय जनता पार्टी पर भी हमला बोला है। एक अन्य ट्वीट में राजद सुप्रीमो ने अंतरात्मा की आवाज पर अपने पद से इस्तीफा देने के नीतीश कुमार के निर्णय पर कटाक्ष करते हुए कहा, अरे भैया, क्यों अंतरात्मा को चैलेंज कर रहे हो? अंतरात्मा को सभी लोग कुर्सी आत्मा समझ लिए हो का।‘वहीं, यादव के ट्वीट पर राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रिट्वीट करते हुए लिखा, ‘इन्हें दा़ग अच्छे लगते हैं और दागियों से पुराना गहरा रिश्ता है। बेदा़ग छवि बगल में बैठे ये कैसे पचता? गैर सरकारी संस्था एडीआर ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि भाजपा के साथ मिलकर नीतीश कुमार की अगुवाई में बनी बिहार की नई सरकार के ७५ फीसदी से ज्यादा मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य की मौजूदा जनता दल यूनाइटेड, भारतीय जनता पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी की सांझा सरकार के २९ में से २२ मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि पिछली महागठबंधन सरकार में कुल २८ मंत्रियों में से १९ मंत्री दागी थे। बिहार इलेक्शन वॉच और एडीआर की ओर से मुख्यमंत्री सहित २९ मंत्रियों के चुनावी हलफनामे के विश्लेषण के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा सरकार के जिन २२ मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, उनमें ९ के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ हमला जारी रखते हुए कहा कि जब भी देश में अकलियत, दलित और पिछ़डों को एकजुट करने की कोशिश हुई नीतीश ने हमेशा धोखा दिया है। यादव ने आज सोशल नेटविर्कंग साइट फेसबुक पर पोस्ट किया है कि जब पूरे देश में मंडल (पिछ़डे) की राजनीति उफान पर थी और बिहार में उनकी और उत्तर प्रदेश में श्री मुलायम सिंह और मान्यवर कांशीराम की सरकार थी। तब सदियों से सताये वंचित, उपेक्षित, दलित, अकलियत और पिछ़डों की एकता चरम पर थी, सभी पीि़डत लोग एक दूसरे के दर्द के साझेदार बनकर एक ही माला के सुंदर मोती बन रहे थे। उस दौर में अपनी संकीर्ण मानसिकता और अति महत्वाकांक्षा के कारण नीतीश कुमार बहुजनों के हितों की तिलांजलि देकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) संघ की गोद में जाकर खेलने वाले पहले पिछ़डे नेता थे। राजद प्रमुख ने कहा कि बाबरी मस्जिद ध्वस्त करने के बाद जब लाल कृष्ण आडवाणी देशभर में घूम रहे थे तब नीतीश वर्ष १९९४ में बंबई में आडवाणी का हाथ अपने हाथ से उठाकर एकता का प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नीतीश भाजपा नेताओं के साथ घूम-घूम कर उस व़क्त संघ को म़जबूत करने की वकालत करते थे जिस व़क्त भाजपा और आरएसएस मंडल आयोग, आरक्षण और वंचितों की भागीदारी का विरोध कर रहा था। यादव ने कहा, आज फिर वर्ष २०१७ में जब अकलियत, दलित और पिछ़डों को एकजुट कर हम देश और बाबा साहेब का संविधान बचाने की कोशिश कर रहे थे तब यह पलटूराम बहुजनों की एकता को दुत्कार कर फिर अपने आकाओं की गोद में खेलने चले गए। उन्होंने कहा कि नीतीश दलितों, पिछ़डों के सबसे ब़डे दुश्मन हैं। नीतीश ने ही संघ के इशारे पर वंचित समाज को बांटने का काम किया है।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download