देश में कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए सभी को मिलकर करना होगा काम: उच्च न्यायालय

देश में कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए सभी को मिलकर करना होगा काम: उच्च न्यायालय

नई दिल्ली/भाषा। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि देश में कोविड-19 महामारी से निबटने के लिए चल रहे संघर्ष में सभी को एकजुट होकर सहयोग करना होगा। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद की पीठ ने दिल्ली सरकार को खाने के पैकेट प्राप्त करने, प्रवासी श्रमिकों और दिहाड़ी मजदूरों के राहत शिविरों की स्थिति जैसी सभी समस्याओं पर गौर करने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने का सुझाव देते हुए यह टिप्पणी की।

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अदालत ने बंधुआ मजदूर उन्मूलन के क्षेत्र में काम करने वाले एक गैर-सरकारी संगठन की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। इस याचिका में दावा किया गया है कि इन राहत शिविरों में रहने वाले तमाम श्रमिकों को कई बार भूखा रहना पड़ता है क्योंकि रसोई एक किलोमीटर से भी ज्यादा दूर है और सामाजिक दूरी के नियम की वजह से परिवार के सारे सदस्य वहां जा नहीं सकते ।

इस संगठन ने भोजन आपूर्ति में अव्यवस्था का आरोप लगाया और यह दावा किया कि श्रमिकों और दिहाड़ी मजदूरों को तीन बार-नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात्रि का भोजन-खाना बमुश्किल मिलता है। दिल्ली सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल संजय जैन ने अदालत के सुझाव से सहमति व्यक्त की और कहा कि गैर-सरकारी संगठन को अधिकारियों के नाम और मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए जाएंगे।

जैन के कथन का संज्ञान लेते हुए पीठ ने कहा कि इस मामले में अब और किसी निर्देश की आवश्यकता नहीं है। पीठ ने इसके साथ ही जनहित याचिका का निबटारा कर दिया। इस याचिका का निबटारा करते हुए अदालत ने टिप्पणी की कि केंद्र और राज्य सरकारें लॉकडाउन की वजह से प्रभावित प्रवासी कामगारों की आबादी को खाना, सूखा अनाज और दूसरी जरूरी चीजें मुहैया करने के लिये सभी प्रयास कर रही हैं। लेकिन सरकारों के पास उपलब्ध संसाधनों की अपनी सीमाएं हैं और ऐसी विषम परिस्थितियों में सभी एजेंसियों के असाधारण प्रयासों की सराहना की जानी चाहिए।

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