परोक्ष इच्छा मृत्यु पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछे कई सवाल

परोक्ष इच्छा मृत्यु पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछे कई सवाल

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने परोक्ष इच्छा मृत्यु (पैसिव यूथनेशिया) के मुद्दे पर मंगलवार को सुनवाई की, जिसमें इस बात पर विचार किया जा रहा है कि क्या किसी शख्स को यह अधिकार दिया जा सकता है कि वह यह कह सके कि कोमा जैसी स्थिति में पहुंचने पर उसे जबरन िं़जदा न रखा जाए? उसे जीवन रक्षक प्रणाली से हटाकर मौत का वरण करने दिया जाए। इधर केंद्र सरकार ने इस प्रकार की इच्छा-मृत्यु का विरोध किया है।इच्छा मृत्यु को लेकर गैर-सरकारी संगठन कॉमन कॉज की याचिका पर सुनवाई करते हुए संविधान पीठ ने सवाल उठाया कि क्या किसी व्यक्ति को उसकी मर्जी के खिलाफ कृत्रिम जीवन रक्षक प्रणाली पर जीने को मजूबर कर सकते हैं? न्यायालय ने भी कहा कि आजकल वृद्ध लोगों को बोझ समझा जाता है ऐसे में इच्छा मृत्यु में कई दिक्कतें हैं। संविधान पीठ ने यह भी सवाल उठाया कि जब सम्मान से जीने को अधिकार माना जाता है तो क्यों न सम्मान के साथ मरने को भी अधिकार माना जाए। क्या इच्छा मृत्यु मौलिक अधिकार के दायरे में आएगा?कॉमन कॉ़ज ने वर्ष २००५ में इस मसले पर याचिका दाखिल की थी। कॉमन कॉ़ज के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को ’’लिविंग विल’’ बनाने हक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ’’लिविंग विल’’ के ़जरिये एक शख्स यह कह सकेगा कि जब वह ऐसी स्थिति में पहुंच जाए, जहां उसके ठीक होने की उम्मीद न हो, तब उसे जबरन जीवन रक्षक प्रणाली पर न रखा जाए। भूषण ने सा़फ किया कि वह एक्टिव यूथनेशिया की वकालत नहीं कर रहे, जिसमें लाइलाज मरी़ज को इंजेक्शन देकर मारा जाता है, बल्कि वह पैसिव यूथनेशिया की बात कर रहे हैं, जिसमें कोमा में प़डे लाइलाज मरी़ज को वेंटिलेटर जैसे जीवन रक्षक प्रणाली से निकाल कर मरने दिया जाता है।इस पर अदालत ने सवाल किया कि आखिर यह कैसे तय होगा कि मरी़ज ठीक नहीं हो सकता? भूषण ने जवाब दिया कि ऐसा डॉक्टर तय कर सकते हैं, ि़फलहाल कोई कानून न होने की वजह से मरी़ज को जबरन जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा जाता है। उन्होंने दलील दी कि कोमा में पहुंचा मरी़ज खुद इस स्थिति में नहीं होता कि वह अपनी इच्छा व्यक्त कर सके। इसलिए उसे पहले ही यह वसीयत बनाने का अधिकार होना चाहिए कि जब उसके ठीक होने की उम्मीद खत्म हो जाए तो उसके शरीर को यातना न दी जाए।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

नितिन नबीन ने भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर कार्यभार संभाला नितिन नबीन ने भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर कार्यभार संभाला
Photo: NitinNabinBJP FB Page
एमजीनरेगा: प्रियंका वाड्रा ने पूछा- 'महात्मा गांधी का नाम क्यों हटाया जा रहा है?'
नेहरू ने कश्मीर मुद्दे को विवादास्पद बनाया, भारत को उग्रवाद और अलगाववाद मिला: योगी आदित्यनाथ
कांग्रेस 'वोट चोरी' में विश्वास करती है तो तेलंगाना में सत्ता छोड़कर मिसाल कायम करे: बंडी संजय कुमार
भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने पर बोले नितिन नबीन- 'यह पार्टी का आशीर्वाद है'
पहलगाम आतंकी हमला मामले में एनआईए आज चार्जशीट दाखिल करेगी
मानवता फिर लहूलुहान