मप्र: भाजपा का दावा- अल्पमत में कमलनाथ सरकार, विशेष सत्र के लिए राज्यपाल को लिखा पत्र
मप्र: भाजपा का दावा- अल्पमत में कमलनाथ सरकार, विशेष सत्र के लिए राज्यपाल को लिखा पत्र
भोपाल/दक्षिण भारत। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान और उसके बाद एग्जिट पोल में राजग को बढ़त के अनुमान से भाजपा उत्साहित है। वहीं मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए एक नई मुसीबत पैदा हो गई है। भाजपा ने दावा किया है कि मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार अल्पमत में चली गई है। इसके साथ ही भाजपा ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखा है और विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।
हालांकि, कांग्रेस ने भाजपा के इस दावे को खारिज किया है। उसका कहना है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार मजबूत स्थिति में है। बता दें कि मप्र में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव कहा है कि कमलनाथ सरकार अपने आप गिर जाएगी। उन्होंने कहा कि वे खरीद-फरोख्त पर यकीन नहीं करते। उन्होंने राज्यपाल को विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए पत्र लिखने की बात कही।हालांकि भार्गव ने इस बात से इनकार किया कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग कमलनाथ सरकार के शक्ति परीक्षण के लिए की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में लोग कमलनाथ सरकार के कामकाज से खुश नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि एग्जिट पोल के नतीजे भी साफ बता रहे हैं कि कांग्रेस के पास जनमत नहीं है।
भार्गव ने मांग की है कि इस विषय पर विधानसभा में चर्चा होनी चाहिए। यह संभव है कि सत्र के दौरान स्पीकर से शक्ति परीक्षण की मांग की जाए। उन्होंने कहा कि मप्र में विधानसभा चुनाव को छह माह हो गए। यह राज्य सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है।
अल्पमत को लेकर किए गए दावे पर कांग्रेस ने कहा है कि उसकी सरकार मजबूत है। उसने भाजपा को नसीहत दी है कि दिन में सपने देखना बंद करे। कांग्रेस नेता मुकेश नायक ने कहा है कि नियमानुसार, विधानसभा का विशेष सत्र उसी स्थिति में बुलाया जा सकता है जब निश्चित अनुपात में विधायक इसके लिए मांग करें अथवा मुख्यमंत्री सत्र आहूत करें।
गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद कांग्रेस ने सरकार बनाई। हालांकि कांग्रेस और भाजपा के बीच सीटों का अंतर बहुत कम रहा। 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 114 सीटें मिलीं। वहीं, भाजपा ने 109 सीटों पर जीत दर्ज की थी। यहां बसपा दो, सपा एक और निर्दलीय प्रत्याशियों ने चार सीटें जीती थीं। बसपा और निर्दलीय विधायकों ने कमलनाथ सरकार को समर्थन की घोषणा की थी। अब भाजपा के उक्त दावे से मध्य प्रदेश की सियासत गरमा सकती है।
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