भारत में हाफिज सईद के खिलाफ अमेरिका की तर्ज पर आॅपरेशन की क्षमता नहीं: चिदंबरम
भारत में हाफिज सईद के खिलाफ अमेरिका की तर्ज पर आॅपरेशन की क्षमता नहीं: चिदंबरम
नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आतंकी हाफिज सईद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को लेकर एक विवादित बयान दिया है। उनका कहना है कि भारत के पास हाफिज सईद को निशाने पर लेने की क्षमता कभी नहीं थी। चिदंबर का यह बयान ऐसे मौके पर आया है जब 26 नवंबर आने वाला है। आतंकी हाफिज सईद को मुंबई हमले का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है।
भारत में कई बार यह आवाज उठती रही है कि हाफिज सईद जैसे आतंकियों को दंड देने के लिए सैन्य कार्रवाई जैसे विकल्पों पर विचार किया जाना चाहिए। इसके लिए अमेरिका की मिसाल दी जाती है जिसने एबटाबाद में दाखिल होकर लादेन को मार गिराया था। वर्ष 2016 में पाकिस्तान में घुसकर हमारी सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक के बाद यह मांग जोर पकड़ने लगी कि अब ऐसा ही सख्त रुख आतंकियों के उन आकाओं के खिलाफ भी दिखाने की जरूरत है जो कराची, रावलपिंडी और लाहौर जैसे शहरों में बैठकर दहशत की साजिश रचते हैं।पी. चिदंबरम से पहले सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बयान दिया था कि भारत के पास भी मुंबई हमलों के गुनहगारों का उसी तर्ज पर आॅपरेशन चलाकर खात्मा करने की क्षमता है, जिस तरह अमेरिका ने किया था। अब चिदंबरम इससे ठीक विपरीत बयान दे रहे हैं। इससे सियासी हलकों में विवाद खड़ा होना तय माना जा रहा है।
दरअसल चिदंबरम ने कहा कि मुंबई पर 26/11 के हमले के बाद हाफिज सईद कराची के सुरक्षित ठिकाने पर था। उन्होंने कहा कि अब वह खुलेआम घूमता है, लेकिन हमारे पास एबटाबाद में लादेन के खिलाफ अमेरिकी आॅपरेशन की तरह हाफिज सईद को टारगेट करने की क्षमता नहीं है। चिदंबरम ने कहा कि हमारे पास वर्ष 2008 में यह क्षमता नहीं थी और मुझे आश्चर्य होगा अगर हमारे पास आज यह हो।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर हमने ऐसी कोशिश की होती तो सफलता नहीं मिलती और बड़ा झटका लगता। हालांकि उन्होंने यह कहा कि देश की ओर से कूटनीतिक जरिए से यह संदेश जरूर दिया गया कि यदि ऐसा दूसरा हमला हुआ तो बहुत सख्त जवाब दिया जाएगा। वहीं एक इंटरव्यू में जनरल रावत ने कहा है कि भारत में ऐसा आॅपरेशन करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि एबटाबाद तर्ज पर हमला एक विकल्प था, लेकिन इसे करने के दूसरे रास्ते भी मौजूद हैं।
सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान को अलग-थलग किया जा रहा है। आज आप देखते हैं कि पाकिस्ताना कहां है। पिछले दिनों सेना प्रमुख रावत ने संकेत दिए थे कि यदि एलओसी पर पाकिस्तान के रवैए में सुधार नहीं आया तो उसके खिलाफ और सख्त कार्रवाई हो सकती है।