पहलगाम हमले का पहला जवाब, मोदी सरकार ने उठाए ये कदम
सभी बलों को उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया

Photo: narendramodi FB Page
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बुधवार को कहा कि आज शाम प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई। सीसीएस को पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे। कई अन्य घायल हुए थे। सीसीएस ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा व्यक्त की।
विक्रम मिस्री ने कहा कि सीसीएस ने समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सभी बलों को उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया। उसने संकल्प लिया कि इस हमले के अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। हाल में तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की तरह, भारत उन लोगों की तलाश में लगातार प्रयास करेगा, जिन्होंने आतंकवादी कृत्य किए हैं या उन्हें संभव बनाने की साजिश रची है।विक्रम मिस्री ने कहा कि नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सेना के सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है। भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा/नौसेना/वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे। दोनों उच्चायोगों से सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस बुलाया जाएगा। उच्चायोगों में कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 कर दिया जाएगा, जो 01 मई, 2025 तक और कटौती के माध्यम से किया जाएगा।
विक्रम मिस्री ने कहा कि इस आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए सीसीएस ने कुछ उपायों पर निर्णय लिया है। अब साल 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को छोड़ नहीं देता।
विक्रम मिस्री ने कहा कि एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे एक मई से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं।
विक्रम मिस्री ने कहा कि सार्क वीज़ा छूट योजना (एसवीईएस) वीज़ा के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी एसवीईएस वीज़ा को रद्द माना जाएगा। एसवीईएस वीज़ा के तहत भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय है।