इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ीं सभी पांच याचिकाएं खारिज कीं

अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी और अन्य की सभी पांच याचिकाओं पर यह फैसला आया है

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ीं सभी पांच याचिकाएं खारिज कीं

Photo: PixaBay

प्रयागराज/दक्षिण भारत/भाषा। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ीं सभी पांच याचिकाएं खारिज कर दीं। न्यायालय ने वाराणसी की अदालत में ज्ञानवापी स्थल पर मंदिर बहाल कराने का अनुरोध करने वाले दीवानी वाद की पोषणीयता को चुनौती देने वाली इन याचिकाओं को खारिज किया है।

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बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी और अन्य की सभी पांच याचिकाओं पर यह फैसला आया है। ये याचिकाएं वाराणसी की एक अदालत में लंबित एक दीवानी वाद की पोषणीयता को चुनौती देते हुए दायर की गई थीं।

याचिका में वाराणसी की अदालत के आठ अप्रैल, 2021 के उस निर्देश को भी चुनौती दी गई थी, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद का समग्र सर्वेक्षण कराने का निर्देश दिया गया था।

इससे पहले, आठ दिसंबर को न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने याचिकाकर्ता अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और प्रतिवादी मंदिर पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था।

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने वाराणसी की अदालत में लंबित वाद की पोषणीयता को चुनौती दी थी।

वहीं, हिंदू पक्ष ने उस जगह पर मंदिर बहाल करने की मांग की थी, जहां मौजूदा समय में ज्ञानवापी मस्जिद स्थित है। हिंदू पक्ष के मुताबिक, ज्ञानवापी मस्जिद, मंदिर का हिस्सा है।

अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की दलील है कि इस मुकदमे की पूजा स्थल अधिनियम (विशेष प्रावधान) 1991 के तहत सुनवाई नहीं हो सकती है। इस कानून में कहा गया है कि किसी भी धर्म के पूजा स्थल का जो अस्तित्व 15 अगस्त, 1947 के दिन था, वही बाद में भी रहेगा।

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