'जनता दर्शन': सिद्दरामैया ने लापरवाह अधिकारियों को फटकार लगाई

'जिन समस्याओं का समाधान जिला स्तर पर होना चाहिए, वे बेंगलूरु नहीं पहुंचनी चाहिएं'

'जनता दर्शन': सिद्दरामैया ने लापरवाह अधिकारियों को फटकार लगाई

'अगर लोग पैसे खर्च करके बेंगलूरु आते हैं, तो इसका मतलब आपकी विफलता है'

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने यहां 'जनता दर्शन' कार्यक्रम में आम लोगों की समस्याएं सुनते हुए लापरवाह अधिकारियों को फटकार भी लगाई। उन्होंने कहा कि जिन समस्याओं का समाधान जिला स्तर पर होना चाहिए, वे बेंगलूरु तक नहीं पहुंचनी चाहिएं। अगर वे पहुंचीं तो यह आपकी विफलता है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने जिला स्तरीय अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर लोग पैसे खर्च करके बेंगलूरु आते हैं, तो इसका मतलब आपकी विफलता है। उन्होंने कहा कि देरी भी भ्रष्टाचार का दूसरा रूप है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने सभी जिला मंत्रियों को पत्र लिखा था। जिलों में एक सार्वजनिक प्रतिक्रिया कार्यक्रम आयोजित करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। कुछ ही जिलों ने रिपोर्ट दी हैं। अन्य जिलों से कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

जनता स्पंदन अधिकारी कई समस्याओं का समाधान मौके पर ही करने में सक्षम हैं। कुछ आवेदनों पर तुरंत निर्णय नहीं लिया जा सकता है। समय की जरूरत होती है। अधिकारियों को लोगों की समस्याओं पर त्वरित प्रतिक्रिया देनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्राप्त अधिकांश आवेदन राजस्व, पुलिस विभाग, गृह लक्ष्मी योजना, बीबीएमपी, पेंशन, ग्रेच्युटी निपटान, आवास, रोजगार से संबंधित थे। खासकर दिव्यांगों ने रोजगार और तिपहिया वाहन के लिए आवेदन दिया है। चार हजार ट्राइसाइकिल प्रदान की गई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खासकर जिला कलेक्टर स्थानीय स्तर पर ही समस्या का समाधान कर सकते हैं। यदि जिला कलेक्टर, तहसीलदार, उपविभागीय अधिकारी काम करेंगे तो लोग बेंगलूरु आने से बच सकेंगे।

मैंने राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को सभी जिला कलेक्टरों को सख्त निर्देश जारी करने के लिए कहा है। जिला प्रभारी सचिव अस्पताल, थाना, छात्रावास एवं अन्य स्थानों का दौरा करें। लोगों की समस्याओं का समाधान होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देरी से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है, इसलिए लोगों को तुरंत प्रतिक्रिया देने का निर्देश दिया है। आज प्राप्त आवेदन संबंधित अधिकारियों को भेजे जाएंगे। इन्हें एक पखवाड़े के भीतर निस्तारित किया जाना चाहिए। यदि नियमों के तहत कोई प्रावधान नहीं है तो इसे वापस लिखा जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपको निचले अधिकारियों को तुरंत जवाब देना चाहिए। कम से कम तीन महीने में एक बार जनता स्पंदन कार्यक्रम करूंगा। अगली बार ज्यादा लोग आए तो निचले स्तर के अधिकारियों द्वारा अपना काम ठीक से नहीं करने पर गौर किया जाएगा और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज साढ़े तीन हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनकी जांच होनी चाहिए और कानूनी समाधान दिया जाना चाहिए। यदि यह संभव न हो तो इसे वापस लिखना चाहिए। आवेदन का निपटारा जमीनी स्तर के अधिकारियों द्वारा किया गया है या नहीं, इसकी जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय को दी जाए।

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