खाली खजाना, मुद्रा में भारी गिरावट ... काकड़ के 'नेतृत्व' में कहां जा रहा पाकिस्तान?
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक, डॉलर बुधवार के 304.45 रुपए के मुकाबले 305.54 रुपए पर बंद हुआ
काकड़ के आने के बाद से रुपए में 4.6 प्रतिशत की गिरावट आई है
कराची/दक्षिण भारत। पाकिस्तानी रुपए में गिरावट का दौर जारी है, जिसके बाद इसकी अर्थव्यवस्था गंभीर संकट से घिर गई है। इसमें गुरुवार को और गिरावट आ गई, जिससे यह अंतरबैंक बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 1.09 रुपए और फिसल गया।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के आंकड़ों के मुताबिक, डॉलर बुधवार के 304.45 रुपए के मुकाबले 305.54 रुपए पर बंद हुआ।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 3 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के तहत निर्धारित शर्तों का पालन करने और राजनीतिक अस्थिरता पर पाकिस्तान द्वारा आयात प्रतिबंधों में ढील देने से रुपए में 0.4 प्रतिशत की गिरावट आई है।
केयरटेकर सेट-अप के आने के बाद से रुपए में 4.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। अगस्त तक रुपए में 6.2 प्रतिशत की गिरावट आई है।
विनिमय दरों और आयात का प्रबंधन करने वाले बैंकरों के अनुसार, रुपए का लगातार अवमूल्यन न केवल मुद्रास्फीति का कारण बन रहा है, बल्कि स्थानीय मुद्रा के अनियंत्रित मूल्यह्रास के नतीजों को कम करने के लिए केंद्रीय बैंक को ब्याज दरें बढ़ाने के लिए भी मजबूर कर रहा है।
एक वरिष्ठ बैंकर ने कहा, 'बाजार किसी के नियंत्रण में नहीं है। भारी अवमूल्यन जारी रहेगा और आईएमएफ द्वारा दी गई सीमा को भी पार कर जाएगा। कोई नहीं जानता कि विनिमय दर के संबंध में आगे क्या होगा।'
अंतर-बैंक बाजार में एक मुद्रा व्यापारी ने कहा, स्थानीय मुद्रा का यह तेजी से अवमूल्यन सरकार के लिए चिंताजनक है। रुपए की लगातार गिरती कीमत पर कुछ विराम लगना चाहिए।
एक्सचेंज कंपनीज एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान के महासचिव जफर पराचा ने कहा कि डॉलर की कीमत में बढ़ोतरी के पीछे कई कारण हैं।
सबसे पहले, हमने गैर-आवश्यक वस्तुओं पर आयात प्रतिबंध हटा दिया, जिससे डॉलर की मांग में वृद्धि हुई। उन्होंने कहा, इसके कारण इंटरबैंक में कीमतें बढ़ी हैं। दूसरी बात, निवेशकों का विश्वास अर्थव्यवस्था के कारण हिल गया है।
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