राहत की ख़बर: बेंगलूरु-हावड़ा ट्रेन के आरक्षित डिब्बे से कोई यात्री हताहत नहीं हुआ
19 डिब्बे को यात्रियों के साथ बालासोर से सुबह पांच बजकर आठ मिनट पर रवाना किया गया
एसएमवीबी से रवाना हुई एक्सप्रेस ट्रेन के दो जीएस डिब्बे और ब्रेक यान पटरी से उतर गए थे
बेंगलूरु/भाषा। ओडिशा में हुए भीषण ट्रेन हादसे में शामिल बेंगलूरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के आरक्षित डिब्बे का कोई यात्री दुर्घटना में हताहत नहीं हुआ है, जबकि सामान्य डिब्बे (जीएस) में बैठे कुछ यात्री घायल हुए हैं। रेलवे के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि हादसे के बाद राहत कार्य जारी है। ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार को हुई ट्रेन दुर्घटना में कम से कम 261 यात्रियों की मौत हो गई हैं। इस दुर्घटना में बेंगलूरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी।दक्षिण पश्चिम रेलवे (एसडब्ल्यूआर) के अधिकारियों ने यहां बताया कि ऐसा अनुमान है कि सर एम. विश्वेसरैया टर्मिनल (एसएमवीबी), बेंगलूरु से बेंगलूरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस में आरक्षित श्रेणी के 994 यात्री और अनारक्षित श्रेणी के करीब 300 यात्री सवार हुए।
यह पता चला है कि एसएमवीबी से रवाना हुई एक्सप्रेस ट्रेन के दो जीएस डिब्बे और ब्रेक यान पटरी से उतर गए। उन्होंने कहा, चूंकि ये अनारक्षित डिब्बे हैं, इसलिए यात्रियों की पहचान करने में थोड़ा समय लगेगा। टिकट आरक्षित करने के दौरान पंजीकरण के समय यात्रियों द्वारा दी गई जानकारी डेटाबेस में उपलब्ध होती है, इसलिए आरक्षित कोच के यात्रियों के संपर्क नंबर समेत उनके बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि और जानकारी मिलने पर लोगों के साथ इसे साझा किया जाएगा।
बालासोर से मिली अद्यतन जानकारी के अनुसार अधिकारियों ने कहा कि ट्रेन का अप्रभावित हिस्सा यात्रियों के साथ अपने गंतव्य हावड़ा के लिए रवाना हो चुका है।
अद्यतन जानकारी के अनुसार, रात करीब 12 बजकर 58 मिनट पर ट्रेन संख्या 12864 (इंजन समेत 20 डिब्बे) का अप्रभावित हिस्सा सीमित गति सीमा के साथ यात्रा के लिए उपयुक्त पाया गया और बालासोर में रैक तड़के तीन बजकर 42 मिनट पर पहुंचा।
बालासोर में रैक से क्षतिग्रस्त डिब्बे को अलग करने के बाद शेष 19 डिब्बे को यात्रियों के साथ बालासोर से सुबह पांच बजकर आठ मिनट पर रवाना किया गया।