कर्नाटक में थम गया चुनाव प्रचार, अब 10 मई का इंतज़ार

भाजपा ने सभी 224 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं

कर्नाटक में थम गया चुनाव प्रचार, अब 10 मई का इंतज़ार

चुनाव जीतने के प्रयास में, कांग्रेस ने बढ़तीं कीमतों और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर जोर दिया है

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार सोमवार को शाम 5 बजे थम गया। मतदाताओं को लुभाने की आखिरी कोशिश में राजनीतिक दलों ने अपने स्टार प्रचारकों को उतारा और बड़े रोड शो भी किए।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 224 विधानसभा सीटों पर चुनाव के लिए 2,613 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 2,427 पुरुष, 185 महिलाएं और ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग हैं।

किस पार्टी के कितने उम्मीदवार?

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सभी 224 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस ने 223 उम्मीदवारों को खड़ा किया है। उसने मेलुकोटे से चुनाव लड़ रहे सर्वोदय कर्नाटक पक्ष के दर्शन पुत्तनैया को अपना समर्थन दिया है। जद (एस) 207 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) ने 209 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

इन वादों पर जोर

भाजपा ने अपने घोषणापत्र के साथ आक्रामक रूप से प्रचार किया। उसने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) को पेश करने का वादा किया है। पार्टी के घोषणापत्र में राज्य से सभी अवैध अप्रवासियों की पहचान करने और उन्हें निर्वासित करने के लिए एनआरसी शुरू करने की बात कही, जिससे एक बड़ी बहस शुरू हो गई।

इन दो मुद्दों के अलावा, भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा किए गए विकास कार्य गिनाकर मतदाताओं को जोड़ने की कोशिश कर रही है।

भाजपा 'डबल इंजन सरकार' पर जोर दे रही है। उसका दावा है कि इससे कर्नाटक में योजनाओं और परियोजनाओं का तेजी से और अधिक कुशल कार्यान्वयन हुआ है। वह बजरंग दल पर 'प्रतिबंध' लगाने के कांग्रेस के वादे का भी इस्तेमाल कर रही है। यही नहीं, पार्टी कांग्रेस नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 'अभद्र भाषा' के इस्तेमाल के मुद्दे को जोर—शोर से उठा रही है। 

कांग्रेस की 5 गारंटियां

चुनाव जीतने के प्रयास में, कांग्रेस ने बढ़तीं कीमतों और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर जोर दिया है। इसके अलावा उसने पांच 'गारंटियों' को पूरा करने का वादा किया है। ये हैं- 200 यूनिट मुफ्त बिजली, परिवार की प्रत्येक महिला मुखिया को 2,000 रुपए, बीपीएल परिवार में प्रत्येक व्यक्ति को 10 किलोग्राम अनाज, प्रत्येक बेरोजगार स्नातक को 3,000 रुपए और नियमित राज्य बसों में सभी महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा।

जद (एस) का अभियान 

एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में जद (एस) कर्नाटक में स्थानीय स्तर पर अभियान चला रही है। दलबदल और आंतरिक दरारों का सामना करने के बावजूद, कुमारस्वामी ने जद (एस) के अभियान को लगभग अकेले संभाला। उन्होंने अपने अभियान को क्षेत्रीय गौरव, कन्नडिगा पहचान और किसानों तथा गरीबों के कल्याण से संबंधित विषयों पर केंद्रित किया है। जद (एस) के घोषणापत्र में आर्थिक रूप से वंचित छात्रों के लिए स्नातकोत्तर स्तर तक मुफ्त शिक्षा देने का वादा किया गया है। साथ ही बेरोजगारों को 6,000 रुपए मासिक वजीफा देने की भी बात कही गई है।

पार्टी संरक्षक एचडी देवेगौड़ा अपनी उम्र और सेहत संबंधी वजहों से ज्यादा प्रचार नहीं कर पाए। उन्होंने हाल में जद (एस) के उम्मीदवारों के प्रचार के लिए यात्राएं कीं। खासकर पुराने मैसूरु क्षेत्र के पार्टी गढ़ में। इस दौरान देवेगौड़ा अपनी पार्टी के खिलाफ कांग्रेस और भाजपा के हमलों का मुकाबला करते हुए भावनात्मक अपील करते नजर आए।

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