एफआर सिंघवी एसजेसीसी के मैगिस अवॉर्ड से सम्मानित
‘ओल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ ने लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए किया सम्मान

एफआर मारवाड़ी जैन समाज ही नहीं, सभी प्रवासी समुदायों में खासे प्रतिष्ठित हैं
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। शहर स्थित सेंट जोसेफ्स कॉलेज ऑफ कॉमर्स की ‘ओल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ ने सोमवार को यहां कॉलेज सभागार में भव्य समारोह का आयोजन कर फतेहराज सिंघवी (जिन्हें शहरभर में एफ आर के नाम से लोकप्रियता प्राप्त है) को लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए 2022-2023 मैगिस अवॉर्ड से सम्मानित किया। इस अवसर पर सिंघवी ने कहा कि वे यह सम्मान पाकर अभिभूत हैं। बता दें कि पिछले 50 सालों में अब तक मात्र छह लोगों को यह सम्मान मिला है। इनमें जैन समाज के अग्रणी दानदाता और माइक्रो लैब्स के निदेशक दिलीप सुराणा भी शामिल हैं।
‘एफआर’ के नाम से मशहूर फतेहराज सिंघवी पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं, जिन्होंने साल 1973 में एसजेसीसी के पहले बैच से स्नातक किया था। उन्होंने अपने पहले प्रयास में आईसीएआई की इंटर और फाइनल परीक्षा में क्रमशः 42वीं और 20वीं अखिल भारतीय रैंक हासिल करके सीए किया और पिता स्व. पीआर सिंघवी की आयकर प्रैक्टिस में शामिल हो गए। इनके पिता भी अपने जमाने के अग्रणी चार्टर्ड अकाउंटेंट व प्रैक्टिशनर थे। अपने पिता के अनुभवों का लाभ लेने के बाद उन्होंने सीए देवराज और सीए उन्नी के साथ मिलकर सिंघवी देव एंड उन्नी (एसडीयू) फर्म की स्थापना की, जो ऑडिट, टैक्सेशन, बिजनेस कंसल्टिंग आदि के लिए बेंगलूरु की नामी फर्म बन गई।उन्होंने साल 1999 में पहली बीपीओ कंपनी क्रॉस डोमेन की सह-स्थापना की और एक स्टार्ट-अप कंपनी संसेरा इंजीनियरिंग में निवेश किया, जो अब यूरोप और भारत में 10,000 से अधिक कर्मचारियों के साथ सूचीबद्ध कंपनी बन गई है।व्यापार से संबंधित संगठनों में एफआर वर्ष 1991 से 2004 तक सरकार, एफकेसीसीआई, बीसीआईसी समितियों में सदस्य होने के नाते सेल्स टैक्स से जीएसटी के विकास में सक्रिय रूप से शामिल थे। उन्होंने उद्योग क्षेत्र में मानवीय संबंधों के महत्त्व को पहचानने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई और मानव संसाधन समिति का गठन किया। उन्होंने एसीएमए में एक एयरोस्पेस और रक्षा समिति बनाई और इन समितियों के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
एफआर वर्तमान में एसीएमए के पिलर 3 के अध्यक्ष हैं, जो उद्योग के विशेषज्ञों और प्रशिक्षकों की मदद से उत्पाद विकास, निर्माण, गुणवत्ता, शून्य-दोष निर्माण और नवाचार आदि को लेकर सलाह देते हैं। एफआर परोपकार संबंधी कार्यों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। वे अपनी स्नातक की पढ़ाई से ही विभिन्न परोपकारी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। उनका अपना चैरिटेबल ट्रस्ट है, जो वर्ष 2010 से पूरे कर्नाटक में कुली और हम्माली के 700 से अधिक बच्चों को हर साल छात्रवृत्ति देता है।
वे कर्नाटक मारवाड़ी यूथ फेडरेशन के अध्यक्ष रहे हैं और साल 1981 से इसके जयपुर कृत्रिम अंग केंद्र के अध्यक्ष हैं, जिसने अब तक 55,000 से अधिक कृत्रिम अंग लगाए हैं और पूरे दक्षिण भारत में 300 से अधिक शिविर आयोजित किए हैं। वे 200 से अधिक आर्थिक रूप से अक्षम लोगों को मुफ्त डायलिसिस और दवा प्रदान करने वाले अत्याधुनिक 36-बेड हेमोडायलिसिस केंद्रों के प्रबंधन में भी शामिल हैं। वे रोटरी प्रोजेक्ट मानसी में सक्रिय रूप से शामिल हैं, जो ग्रामीण भारत में अवसादग्रस्त महिलाओं को उपचार सुविधा मुहैया कराता है।
एफआर 5,000 से अधिक बच्चों वाले 28 सरकारी स्कूलों के साथ काम कर रहे हैं, ताकि 10वीं कक्षा में 100 प्रतिशत पास दर हासिल करने के लिए एक मॉडल तैयार किया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि 100 प्रतिशत बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त करें। उन्होंने इसके लिए एसजेसीसी के कुछ पूर्व छात्रों के साथ मिलकर 300 से अधिक छात्रों की मदद के लिए एक कोष स्थापित किया है। वर्ष 2017 में, एफआर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संवादात्मक सत्र के लिए आमंत्रित किया गया था।
एफआर मारवाड़ी जैन समाज ही नहीं, सभी प्रवासी समुदायों में खासे प्रतिष्ठित हैं। सभी स्थानीय समुदायों में भी एफ आर को खूब सम्मान हासिल है। विभिन्न सामाजिक, शैक्षणिक, औद्योगिक संस्थाओं से जुड़े एफआर सिंघवी एक सकारात्मक सोच वाले उद्यमी हैं। यह उनकी खासियत है।
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