भाजपा सांसद लहर सिंह सिरोया ने टीबी के 500 मरीजों को गोद लिया
प्रोटीन युक्त पोषण किट दिए
गोद लिए गए मरीजों को हर महीने उनके दरवाजे पर आवश्यक पोषण और खाद्य किट वितरित किए जाएंगे
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। टीबी प्रभावितों के लिए सामुदायिक समर्थन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का अनुकरण करते हुए भाजपा सांसद लहर सिंह सिरोया ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री निक्षय मित्र पहल के तहत बेंगलूरु में 500 टीबी रोगियों को गोद लिया। उन्होंने कर्नाटक को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए योगदान देने और इस दिशा में काम करने का संकल्प लिया। गोद लिए गए मरीजों को हर महीने उनके दरवाजे पर आवश्यक पोषण और खाद्य किट वितरित किए जाएंगे।
बेंगलूरु के वसंत नगर में आयोजित एक साधारण समारोह में लहर सिंह ने गोद लिए गए 500 टीबी रोगियों में से लगभग 25 को भोजन और पोषण किट वितरित किए।इस अवसर पर विधायक रिजवान अरशद, राष्ट्रीय क्षय रोग संस्थान (एनटीआई) के निदेशक डॉ. एन सोमशेखर, राज्य उप निदेशक (टीबी) डॉ. अंसार अहमद और जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. कल्पना उपस्थित थे।
कर्नाटक में वर्तमान में कुल 29,000 से अधिक टीबी रोगी हैं, जिन्होंने निक्षय मित्र के तहत सहायता प्राप्त करने की सहमति दी है और अकेले बीबीएमपी में ऐसे लगभग 4,900 रोगी हैं।
निक्षय मित्र
प्रधानमंत्री टीबी-मुक्त भारत अभियान कार्यक्रम के तहत निक्षय 2.0 वेबसाइट के माध्यम से व्यक्तिगत रूप से टीबी रोगियों को गोद ले सकते हैं और एक पोषण टोकरी प्रायोजित कर सकते हैं। वे उन्हें छह महीने, एक साल, दो या तीन साल के लिए गोद ले सकते हैं। गोद लिए गए मरीजों को तेजी से स्वास्थ्य-लाभ में मदद के लिए पोषण और चिकित्सा सहायता दी जाती है।
जैसा कि निक्षय मित्र के तहत अनिवार्य है, पोषण किट में चावल- 5 किग्रा, तूर दाल- 1 किग्रा, मूंग- आधा किग्रा, गुड़- 1 किग्रा, सूरजमुखी (खाना पकाने का) तेल- 1 किग्रा, नंदिनी प्रोटीन पाउडर- 1 किग्रा और मूंगफली- आधा किग्रा शामिल होंगे। ये किट हर महीने मरीजों के घर तक पहुंचाई जाएंगी।
दान करेंगे टीबी जांच मशीन
बता दें कि टीबी के ज्यादातर मामलों में प्रभावित लोग गरीब होते हैं, जिन्हें परीक्षण सुविधाओं के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है और रिपोर्ट लेने के लिए फिर से लौटना पड़ता है। बहुत से लोग परीक्षण नहीं कराते, क्योंकि वे इतना समय और पैसा खर्च नहीं कर सकते।
इन समस्याओं को दूर करने और तेजी से परीक्षण तथा निदान सुनिश्चित करने के लिए सांसद लहर सिंह ने एक हाई-टेक सीबी-एनएएटी मशीन दान करने का फैसला किया है।
सांसद ने कहा कि इस तथ्य को देखते हुए कि टीबी से प्रभावित मरीजों की पहचान करने के लिए समय पर परीक्षण और शीघ्र निदान महत्वपूर्ण है, मैंने एक सीबी-एनएएटी मशीन दान करने का फैसला किया है, जो टीबी का तेजी से निदान सुनिश्चित करती है। उन्होंने कहा कि 22 लाख रुपए की लागत वाली यह मशीन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा समर्थित परीक्षणों को सक्षम करेगी और इसे सरकारी अस्पताल में रखा जाएगा।
सब मिलकर बना सकते हैं टीबी मुक्त कर्नाटक
समारोह को संबोधित करते हुए सांसद लहर सिंह ने कहा, 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने की प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता के अनुरूप, मैंने आज बेंगलूरु से 500 टीबी मरीजों को गोद लिया है।
उन्होंने कहा, अपने पहले संसदीय वर्ष में, मैं 2025 तक कर्नाटक को टीबी मुक्त बनाने में योगदान देने का संकल्प लेता हूं। मैं विधायकों, गैर-सरकारी संगठनों और कॉर्पोरेट्स से हाथ मिलाने, टीबी रोगियों को दाताओं के रूप में अपनाने और 2025 तक कर्नाटक में टीबी उन्मूलन के लिए सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए पहुंचूंगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शिवाजी नगर के विधायक रिजवान अरशद ने कहा, मैं सांसद लहर सिंह को कर्नाटक के 10 प्रतिशत टीबी मरीजों को गोद लेने और विशेष रूप से मेरे निर्वाचन क्षेत्र के टीबी मरीजों की मदद के लिए इस अभियान को शुरू करने के वास्ते तहेदिल से धन्यवाद देता हूं। मैं उन्हें इस प्रयास में अपने पूर्ण समर्थन का आश्वासन देता हूं।