गणेश उत्सव पर पीओपी से बनीं मूर्तियों पर रहेगा प्रतिबंध: बीबीएमपी
जांच के लिए बीबीएमपी, पुलिस और बेसकॉम अधिकारियों की टीम संबंधित स्थानों का दौरा करेगी
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। बृहत् बेंगलूरु महानगर पालिके (बीबीएमपी) के मुख्य आयुक्त तुषार गिरिनाथ ने कहा है कि प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) का इस्तेमाल करके गणेशजी की मूर्तियां बनाने वालों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे। यह कार्रवाई पर्यावरण संरक्षण को ध्यान रखते हुए अमल में लाई जा रही है।
चूंकि गणेश उत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं, ऐसे में बीबीएमपी ने स्पष्ट कर दिया है कि केवल उन्हीं मूर्तियों की अनुमति है, जो पर्यावरण के अनुकूल हों। इस संबंध में जोनल अधिकारियों को सूचना दे दी गई है कि पीओपी मूर्तियां प्रतिबंधित हैं।तुषार गिरिनाथ ने कहा कि पीओपी, थर्माेकोल और हानिकारक रसायनों जैसी प्रतिबंधित वस्तुओं, जिनका इस्तेमाल मूर्ति बनाने में किया जाता है, की जांच के लिए बीबीएमपी, पुलिस और बेसकॉम अधिकारियों की टीम संबंधित स्थानों का दौरा करे।
उन्होंने कहा कि यदि दुकानों या मूर्ति निर्माण स्थलों पर नियमों का उल्लंघन होता पाया गया तो अधिकारी नोटिस जारी करेंगे। इसी तरह, यदि पीओपी का इस्तेमाल कर मूर्तियां बनाई गईं तो ऐसी सामग्री काम में लेने वालों के खिलाफ मामले भी दर्ज किए जाएंगे।
आयुक्त ने बताया कि मूर्ति निर्माण में लगे लोगों को मिट्टी का उपयोग करना। यह कार्रवाई इसलिए की जा रही है, ताकि झीलों में प्रदूषण को रोका जाए। इसके लिए बीबीएमपी के अधिकारी आवश्यक व्यवस्था करेंगे।
इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए 63 अनुमंडलों में नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए जोनल आयुक्तों को निर्देश दिए गए हैं। वे अनुमति, विसर्जन और अन्य तैयारियों की निगरानी करेंगे।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि सभी नगर निगमों और नगर पालिकाओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि गणेश उत्सव ईको-फ्रेंडली तरीके से मनाया जाए।
अधिकारियों का कहना है कि जो लोग मूर्ति और पंडाल की स्थापना करना चाहते हैं, उन्हें एनओसी लेनी होगी। इसी तरह निगमों और नगर पालिकाओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि मूर्ति विसर्जन नियमानुसार हो। यातायात बाधित न हो, इसके लिए पर्याप्त संख्या में विसर्जन टैंक लगाए जाएंगे। बीबीएमपी के उक्त आदेश की सोशल मीडिया पर चर्चा है। ईको-फ्रेंडली तरीके से त्योहार मनाने को लेकर जागरूक लोग कई वर्षों से आवाज उठा रहे हैं।