झुग्गी झोपड़ियों लोगों के लिए बनेंगे दो लाख आवास : एसपी वेलूमणि
झुग्गी झोपड़ियों लोगों के लिए बनेंगे दो लाख आवास : एसपी वेलूमणि
चेन्नई/दक्षिण भारतराज्य के नगरपालिका प्रशासन मंत्री एसपी वेलूमणि ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार राज्य में सभी को अवासीय सुविधा उपलब्ध करवाने पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के राज्य को झुग्गी झोपि़डयों से पूरी तरह से मुक्त बनाने के सपना को पूरा करने के उद्देश्य से ऐसे घरों में रहने वाले लोगों के लिए दो लाख आवासों का निर्माण किया जाएगा जिसके लिए मुख्यमंत्री की मंजूरी मिल चुकी है और इस दिशा मंे कार्य शुरु कर दिया गया है।मंत्री ने कहा कि सरकार अपनी आवासीय नीति के तहत समाज के आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए किफायती आवासों का निर्माण करेगी। इसके लिए एक मास्टर योजना तैयार की जा रही है। सरकार पर्यावरण मैत्री आवासों का निर्माण करेगी जिसमें सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके साथ ही सरकार विकास नियंत्रण संबंधी नियमों में भी संसोधन करेगी और घर निर्माण के लिए अनुमति देने हेतु एकल प्रणाली लाने पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि घर के निर्माण की अनुमति देने की प्रक्रिया में वृद्धि लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। राज्य सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उपलब्ध करवाई गई राशि से राज्य की झुग्गी झोप़़डी वाली बस्तियों में ६७६.६१ करो़ड रुपए की लागत से ६८७४ आवासों का निर्माण कराएगी। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में अपना घर पाएं योजना के तहत तमिलनाडु स्लम उन्मूलन बोर्ड द्वारा ५,५८९ करो़ड २४ लाख रुपए की लागत से राज्य के शहरी क्षेत्रों में १,८६,३०८ घरों का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही लोगों को किफायती आवास उपलब्ध करवाने की योजना के तहत १,४२८ करो़ड ८० लाख रुपए की लागत से १४८२८ फ्लैटों का निर्माण भी किया जाएगा। दोनों ही योजनाओं के लिए राज्य सरकार द्वारा २०७ करो़ड ५० लाख रुपए की सब्सिडी दी जाएगी।वेलूमणि ने बताया कि शहरी विकास को सही ढंग से गति देने के लिए राज्य सरकार ने शहरी विकास प्रकोष्ठ गठित करने का निर्णय लिया है। शहरी विकास प्रकोष्ठ में विशेषज्ञों को नियुक्त किया जाएगा और इस प्रकोष्ठ के कार्य करने के लिए विशेष नियमों को तैयार किया जाएगा। इन विशेषज्ञों को ग्रेटर चेन्नई विकास प्राधिकरण के तहत आने वाले स्थानीय परियोजना प्राधिकरण द्वारा विभिन्न विभागों से नियुक्त किया जाएगा। इस विशेष प्रकोष्ठ का कार्य शहरी क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों की समीक्षा करना और इस संबंध मंे स्थानीय शहरी विकास प्राधिकरण को सुझाव देना होगा।