मंत्री ने झील के पुनरुद्धार कार्य का किया शुभारंभ

मंत्री ने झील के पुनरुद्धार कार्य का किया शुभारंभ

चेन्नई/दक्षिण भारत बुधवार को राज्य के स्थानीय प्रशासन और ग्रामीण विकास मंत्री एसपी वेलूमणि विलीवाक्कम झील के पुनरोद्धार कार्य की आधारशिला रखी। झील के नवीनीकरण का कार्य १६ करो़ड रुपए की लागत से पूरा किया जाएगा। झील का पुनरोद्धार स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत होगा जिसके तहत निर्माण मलबे को हटाने, झील की गहराई बढाने, बच्चों के पार्क और फूड प्लाजा का निर्माण तथा जल प्रदूषण नियंत्रण उपकरण सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी।सिडको नगर के निकट घनी आबादी वाले इलाके में ३६.५० एक़ड में फैली हुई इस झील के नवीनीकरण कार्य का प्रस्ताव रखा था। यह झील चेन्नई मेट्रो जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (सीएमडब्ल्यूएसएसबी) के अधीन आता है और मौजूदा समय में इसकी स्थिति काफी बदहाल है। इसका एक हिस्सा मेट्रो रेल निर्माण कार्य के लिए की गई खुदाई से निकले मलबे से भरा हुआ है। काफी लंबे समय से स्थानीय नागरिकों द्वारा इस झील के पुनरोद्धार का कार्य करने का अनुरोध किया जा रहा था।वेलूमणि ने इस अवसर पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के सत्त्ता में आने बाद राज्य में पेय जल आपूर्ति योजनाओं को मजबूती देनी शुरु की जब राज्य में अल्पसंख्यक द्रमुक की सरकार थी तो राज्य में पेय जल आपूर्ति योजनाओं की स्थित काफी खराब थी और उस समय पेय जल आपूर्ति योजनाओं पर मात्र ४९४३ करो़ड रूपए की आपूर्ति की गई थी जबकि पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान ही इस प्रकार की परियोजनाओं पर ७१३० करो़ड रूपए खर्च किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार शहरी क्षेत्रों में स्थित जल निकायों को नया जीवन देने के लिए कार्य कर रही है। इन जल निकायों का पुनरोद्धार करने के बाद शहरी क्षेत्रों के लिए अधिक से अधिक पानी संरक्षित कर रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि तंजावूर, कोयंबटूर, कन्याकुमारी और सेलम जिले में आठ ब़डी पेयजल परियोजनाओं को शुरु करने के लिए २४०८ करो़ड रूपए खर्च करने की योजना है। इन आठों परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार की ओर से राशि आवंटित कर दी गई है। मेट्रोवाटर ने सीवेज पंपिंग स्टेशन के निर्माण और जल आपूर्ति सुविधा के निर्माण के लिए ११.५० एक़ड जमीन निर्धारित की है। ज्ञातव्य है कि इस झील में निर्माण मलबे के डंपिंग के कारण इस झील का कुछ हिस्सा सिकु़ड गया है। इसके कारण झील बरसात के मौसम में पानी को अवशोषित करने में सक्षम नहीं है। वर्ष २०१५ में इस झील में पानी क्षमता से अधिक पानी आ जाने के कारण सिडको नगर के एक हिस्से में पानी भर गया था और लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना प़डा था।।नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार झील के नवीनीकरण कार्य पूरा होने के बाद इसके पानी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए बायो-फिल्टर, फ्लोटिंग वेटलैंड प्रणाली और ऑनलाइन सेंसर स्थापित करने का प्रस्ताव भी रखा गया है। साथ ही आधुनिक तकनीक का उपयोग कर झील के बंड को मजबूत करने की योजना बनाई गई है। अधिकारियों के अनुसार इस झील के नवीनीकरण करने और इसकी गहराई बढाए जाने के बाद चेन्नई शहर में आपातकालीन स्थिति में पानी की आपूर्ति करने के लिए इस झील के पानी का उपयोग किया जा सकता है।

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