कुलपतियों की नियुक्ति में देरी के लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं : राज्यपाल
कुलपतियों की नियुक्ति में देरी के लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं : राज्यपाल
मैसूरु। राज्यपाल वजुभाई वाला ने बुधवार को कहा कि राज्य संचालित विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में हो रही देरी के लिए राजभवन कार्यालय जिम्मेदार नहीं है। यहां संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कुलपतियों के लिए एक भी पात्र उम्मीदवार नाम राजभवन को नहीं भेजा। इसी कारण राजभवन ने प्रस्तावों को खारिज कर दिया था और सरकार को फिर से नियमों के अनुसार पात्र और योग्य उम्मीदवारांे की सूची भेजने का निर्देश दिया है। राज्यपाल ने कहा, अगर सरकार ने उचित नियम के तहत प्रस्ताव भेजे तो मैं तीन दिनों के भीतर मंजूरी दे दूंगा। गौरतलब है कि वर्तमान में राज्य के आठ विश्वविद्यालयों में किसी में भी स्थायी कुलपति नहीं हैं।जब पत्रकारों ने उन्हें विश्वविद्यालयों के शिक्षण संकाय में नियुक्ति में हो रही देरी के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों के शिक्षण संकाय में नियुक्ति मामले में राज्यपाल की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा, प्रत्येक विश्वविद्यालय में स्वीकृत पदों के लिए रिक्तियों को भरने की शक्तियां विश्वविद्यालय के पास हैं और इसके लिए गवर्नर की अनुमति जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर विश्वविद्यालयों को मंजूरी प्राप्त पदों की तुलना में अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति करनी होती है तो उसके लिए राज्यपाल से स्वीकृति मिलनी चाहिए। राज्यपाल से जब पूछा गया कि शिक्षण संस्थानों से जु़डे मामलों में लेटलतीफी के कारण राज्य की शिक्षा बेहाल हो गई है तो एक चौंकाने वाली प्रतिक्रिया देते हुए राज्यपाल ने कहा, अगर शिक्षा बेहाल हो गई है तो एक गोली सरकार को मार दें और दो गोलियां मुझे मार दें। ृद्मरुफ्ैंथ्य्द्म ·र्ैंय्द्भश्च झ्द्य क्द्भय्द्म ख्रष्ठ्र द्भरुप्य्जेएसएस यूनिवर्सिर्टी (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी) के ८वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि युवाओं को अनुसंधान पर अपना समय व्यतीत करना चाहिए और केवल एक शोध के साथ ही देश प्रगति कर सकता है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर का पेशा एक सेवा उन्मुख पेशा है, न कि लाभकारी व्यवसाय या व्यापार का पेशा है। उन्होंने कहा कि आज देश में तेजी से अनुसंधान किया जा रहा है और युवाओं ने अपनी बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं की बुद्धि और दृ़ढ संकल्प के साथ, हमारा देश अनुसंधान के क्षेत्र में संयुक्त राज्य अमेरिका सहित पश्चिमी देशों को पार कर सकता है। इस अवसर पर कुल १२७४ विद्यार्थियों को मेडिकल, डेंटल सहित विभिन्न संकायों में डॉक्टरेट, ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट का प्रमाणपत्र हासिल किया। एमबीबीएस की छात्रा इशिता मलिक ने चार स्वर्ण पदक हासिल किए जबकि अजय कौशिक और डॉ नुदुरपती गौतम ने तीन-तीन स्वर्ण पदक हासिल किए। इस अवसर पर सुत्तूर मठ के प्रमुख शिवरात्रि देशीकेन्द्र स्वामीजी भी उपस्थित थे।