डॉक्टरों की हड़ताल का मरीजों पर टूटा कहर, पांच की मौत

डॉक्टरों की हड़ताल का मरीजों पर टूटा कहर, पांच की मौत

बेंगलूरु। निजी डॉक्टरों की ह़डताल के कारण राज्य की चिकित्सा व्यवस्था बेपटरी होने लगी है और उचित उपचार न मिल पाने की वजह से पिछले दो दिनों के अंदर राज्य में एक नवजात सहित कुल पांच लोगों की मौत हो गई। कर्नाटक निजी मेडिकल एस्टाब्लिशमेंट अधिनियम (केपीएमएई) के प्रस्तावित संशोधन के विरोध में सोमवार से बेलगावी में चल रहे विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य सरकार पर दबाव बनाने के मकसद से ह़डतालरत करीब २० हजार डॉक्टर सुवर्ण विधानसौधा से कुछ दूरी पर प्रदर्शन कर रहे हैं। निजी डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री सिद्दरामैया से मिले आश्वासन को नकार दिया और प्रस्तावित विधेयक को सदन में पारित न करने की मांग को लेकर मंगलवार को भी प्रदर्शन करते रहे। डॉक्टरों की ह़डताल के कारण सोमवार को कोप्पल में एक पंचायत विकास अधिकारी (पीओडी) की मौत हो गई थी। पीओडी को हार्ट अटैक आने पर नजदीक के निजी अस्पताल में ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों के न रहने के कारण कुछ समय बाद पीओडी की मौत हो गई। वहीं हासन के टिपटूर में एक तीन महीने के नवजात को सांस लेने में परेशानी के बाद निजी अस्पताल में ले जाया गया लेकिन डॉक्टर बेलगावी में प्रदर्शन के लिए गए हुए थे जिस कारण उचित उपचार के अभाव में बच्चे की मौत हो गई। इसके अतिरिक्त तीन अलग अलग मामलों में तीन अन्य लोगों की मौत हो गई। ख्श्नय्द्बर्‍ह्लय् ूय्ष्ठख़य्ह्र द्बष्ठ्र ्यघ्य·र्ैंह्वफ्य् झ्रद्भप्डत्र्य् ·र्ैंर्‍ द्यर्‍ढ्ढण ब्स्र ्यद्मज्र्‍ ठ्ठय्स्र€ट्टद्यराज्य के सरकारी अस्पतालों में पहले से ही डॉक्टरों की भारी कमी है। चूंकि डॉक्टर ग्रामीण इलाकों में काम करना नहीं चाहते हैं इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों की चिकित्सा व्यवस्था की रीढ निजी डॉक्टर बने हैं। डॉक्टरों की इस ह़डताल के कारण राज्य के सभी हिस्सों में स्थिति विकट बनी हुई है और विशेषकर ग्रामीण इलाकों में निजी अस्पताल और नर्सिंग होमों के बंद रहने के कारण लोगों को प्राथमिक चिकित्सा मिलने में भी परेशानी हो रही है। बेंगलूरु में कुछ ब़डे सरकारी अस्पतालों में उचित सुविधा होने के बाद भी लोगों का उपचार के लिए निजी अस्तपालों की ओर झुकाव है। मंगलवार को शहर के अधिकांश निजी अस्पतालों और क्लिनिकों में उपचार कराने आए लोगों को निराश होकर वापस लौटना प़डा। वहीं शहर के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढती जा रही है। ·र्ष्ठैंृय्द्य ृडझ्त्रय्य द्बष्ठ्र र्द्बठ्ठणक्कष्ठ द्बद्यर्‍ज्मैसूरु से करीब ५०० डॉक्टर बेलगावी में प्रदर्शन के लिए गए हुए हैं जिस कारण शहर की निजी चिकित्सा व्यवस्था पिछले दो दिनों से बेहाल है। अनुमानतः मैसूरु में करीब २००० पंजीकृत डॉक्टर निजी रूप से काम करते हैं और शहर में करीब १५००क्लिनिक हैं लेकिन ह़डताल की वजह से पिछले दो दिनों से सभी बंद हैं। आईएमए की मैसूरु शाखा के अध्यक्ष एमएस विश्वेश्वर ने कहा कि सरकार की कठोर प्रवृति के विरोध में ह़डताल करना अनिवार्य हो गया था। वहीं ह़डताल के कारण शहर के केआर अस्पताल में मरीजों की संख्या में भारी उछाल देखने को मिली है। सामान्यतः अस्पताल में रोजाना करीब १२५० मरीज ओपीडी में आते हैं जबकि सोमवार को यह संख्या १६०० के पार रही और मंगलवार को काफी भी़ड देखी गई। इस वजह से चिकित्सा कर्मियों को ओवरटाइम काम करना प़ड रहा है।

Google News
Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

Advertisement

Latest News