जब विश्वास बढ़ता है तो प्रयास बढ़ता है, सबके प्रयास से विकास की गति तेज होती हैः मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि सूरत शहर लोगों की एकजुटता और जनभागीदारी, दोनों का बहुत ही शानदार उदाहरण है
सूरत/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को गुजरात के सूरत में विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी, देश को समर्पित कीं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सूरत शहर लोगों की एकजुटता और जनभागीदारी, दोनों का बहुत ही शानदार उदाहरण है। हिन्दुस्तान का कोई प्रदेश ऐसा नहीं होगा, जिसके लोग सूरत की धरती पर न रहते हों। सूरत की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये शहर श्रम का सम्मान करने वाला शहर है।प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सदी के शुरुआती दशकों में जब दुनिया में 3-पी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप की चर्चा होती थी, तब मैं कहता था कि सूरत 4-पी का उदाहरण है। 4-पी यानी पीपल, पब्लिक, प्राइवेट, पार्टनरशिप। यही मॉडल सूरत को विशेष बनाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सूरत के सभी लोगों ने ऐसा करके दिखा दिया है। मुझे खुशी है कि आज दुनिया के सबसे तेजी से विकसित होते शहर में सूरत का नाम है।
सूरत के लोग वो दौर कभी भूल नहीं सकते, जब महामारियों, बाढ़ की परेशानियों को लेकर यहां दुष्प्रचार को हवा दी जाती थी। यहां के व्यापारियों से मैंने एक बात कही थी कि अगर सूरत शहर की ब्रांडिंग को गई तो हर सेक्टर, हर कंपनी की ब्रांडिंग अपने आप हो जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार बनने के बाद तो घर बनाने में भी तेजी आई है और सूरत के गरीबों, मिडिल क्लास को दूसरी सुविधाएं भी मिलने लगी हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत देश में अभी तक लगभग 4 करोड़ गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज मिल चुका है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सूरत के कपड़ा और हीरा कारोबार से देशभर के अनेक परिवारों का जीवन चलता है। ‘ड्रीम सिटी’ प्रोजेक्ट जब पूरा हो जाएगा तो सूरत, विश्व के सबसे सुरक्षित और सुविधाजनक डायमंड ट्रेडिंग हब के रूप में विकसित होने वाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यापार, कारोबार में लॉजिस्टिक्स का कितना महत्व होता है, यह सूरत वाले अच्छे से जानते हैं। नई लॉजिस्टिक्स पॉलिसी से सूरत को बहुत लाभ होने वाला है। मल्टी मॉडल कनेक्टिवटी के लिए भी सूरत में एक बड़ी योजना पर काम शुरू हो चुका है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट से शहर को जोड़ने वाली सड़क जो बनी है, वो सूरत की संस्कृति, समृद्धि और आधुनिकता को दर्शाती है। लेकिन यहां अनेक साथी ऐसे हैं जिन्होंने एयरपोर्ट के लिए भी हमारे लंबे संघर्ष को देखा है, उसका हिस्सा भी रहे हैं।
तब जो दिल्ली में सरकार थी, हम उनको बताते-बताते थक गए कि सूरत को एयरपोर्ट की जरूरत क्यों है, इस शहर का सामर्थ्य क्या है। आज देखिए, कितनी ही फ्लाइट्स यहां से चलती हैं, कितने लोग हर रोज यहां एयरपोर्ट पर उतरते हैं।
बीते दो दशकों से विकास के जिस पथ पर सूरत चल पड़ा है, वो आने वाले वर्षों में और तेज होने वाला है। यही विकास आज डबल इंजन सरकार पर विश्वास के रूप में झलकता है। जब विश्वास बढ़ता है, तो प्रयास बढ़ता है। सबके प्रयास से राष्ट्र के विकास की गति तेज होती है।
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