असम, नागालैंड और मणिपुर के प्रमुख क्षेत्रों से एएफएसपीए हटाने का फैसला क्रांतिकारी निर्णय: भाजपा
'इसका मतलब यह है कि वहां शांति लौट आई है'
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और प्रवक्ता गौरव भाटिया ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान रिजिजू ने कहा कि आज पहली बार ऐसा महसूस हो रहा है कि नॉर्थ ईस्ट देश के मेनस्ट्रीम में शामिल हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नॉर्थ ईस्ट को जिस प्रकार तवज्जो दी, उसे आगे ले जाने के लिए जिस प्रकार काम किया गया, उसके बदौलत आज वहां बदलाव आया है।
रिजिजू ने कहा कि असम, नागालैंड और मणिपुर के प्रमुख क्षेत्रों से आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट को हटाने का फैसला क्रांतिकारी निर्णय है। इसका मतलब यह है कि वहां शांति लौट आई है। कुछ जगह बच गई हैं, वहां भी जल्द स्थिति सामान्य हो जाएगी।रिजिजू ने कहा कि ऐसे ही असम और अरुणाचल प्रदेश की सीमाओं को लेकर चल रहे मुद्दों पर भी गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में असम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बात करके उनके समाधान की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो चुकी है।
रिजिजू ने कहा कि अभी आपने देखा कि असम और मेघालय के बीच में जो मुख्य मुद्दा था, उसके पहले हिस्से का समाधान लगभग पूरा कर लिया गया है और दूसरे हिस्से का समाधान भी होने वाला है।
रिजिजू ने कहा कि आज पूरे नॉर्थ ईस्ट में पूरी तरह से शांति कायम है। मैं देशवासियों को बताना चाहता हूं कि आज नॉर्थ ईस्ट में कोई भी आराम से जा सकता है और वहां आराम से घूम सकता है। इसके लिए मैं पूरे पूर्वोत्तर और सभी देशवासियों की और से प्रधानमंत्री का अभिनंदन करना चाहता हूं।
रिजिजू ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जो भी समझौते हुए हैं, जै- बोडो समझौता, एनएलएफटी, ब्रू-रियांग समझौता, इनके कारण ही आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट को नॉर्थ ईस्ट के बड़े हिस्से से हटाया गया है और वहां शांति स्थापित हुई है।
गौरव भाटिया ने कहा कि मोदी सरकार के तीन लक्ष्य रहे हैं: पूर्वोत्तर के लिए हमने ऐसी नीतियां बनाई हैं कि वहां की सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा कर सकें। बड़े मुद्दों को हल करके दिखाया है। विवादों का निस्तारण प्रभावी तरीके से हो। पूर्वोत्तर के राज्यों में प्रगति हो और वे मुख्यधारा में शामिल हों।