आज देश में दो मॉडल- 'सबका साथ, सबका विकास'; 'खुद का स्वार्थ, परिवार का स्वार्थ': मोदी
हिमाचल में पर्यटन के साथ ही औद्योगिक विकास की अपार संभावना है, हमारी सरकार इस दिशा में भी लगातार काम कर रही है
मंडी/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। साथ ही जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल से मेरा हमेशा से एक भावात्मक रिश्ता रहा है। हिमाचल की धरती ने मेरे जीवन को दिशा देने में अहम भूमिका निभाई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज डबल इंजन की सरकार के भी चार साल पूरे हुए हैं। सेवा और सिद्धि के इन चार सालों के लिए हिमाचल की जनता जनार्दन को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।जयरामजी और उनकी परिश्रमी टीम ने हिमाचल वासियों के सपनों को पूरा करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। इन चार वर्षों में दो साल हमने मजबूती से कोरोना से भी लड़ाई लड़ी है और विकास के कार्यों को भी रुकने नहीं दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते चार सालों में हिमाचल को पहला एम्स मिला, हमीरपुर, मंडी, चंबा और सिरमौर में चार नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए गए। अभी यहां थोड़ी देर पहले 11,000 करोड़ रुपए की लागत वाले चार बड़े हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास या फिर लोकार्पण भी किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रेणुकाजी हमारी आस्था का अहम केंद्र है। भगवान परशुराम और उनकी मां रेणुकाजी के स्नेह की प्रतीक इस भूमि से आज देश के विकास के लिए भी एक धारा निकली है।
गिरि नदी पर बन रही रेणुकाजी बांध परियोजना जब पूरी हो जाएगी तो एक बड़े क्षेत्र को इससे सीधा लाभ होगा। इस प्रोजेक्ट से जो भी आय होगी, उसका भी एक बड़ा हिस्सा यहीं के विकास पर खर्च होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहाड़ों को प्लास्टिक की वजह से जो नुकसान हो रहा है, हमारी सरकार उसे लेकर भी सतर्क है। सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ देशव्यापी अभियान के साथ ही हमारी सरकार, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट पर भी काम कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल को स्वच्छ रखने में, प्लास्टिक और अन्य कचरे से मुक्त रखने में पर्यटकों का भी दायित्व बहुत बड़ा है। इधर-उधर फैला प्लास्टिक, नदियों में जाता प्लास्टिक हिमाचल को जो नुकसान पहुंचा रहा है, उसे रोकने के लिए हमें मिलकर प्रयास करना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल में पर्यटन के साथ ही औद्योगिक विकास की अपार संभावना है। हमारी सरकार इस दिशा में भी लगातार काम कर रही है। हमारा जोर विशेष तौर पर फूड इंडस्ट्री, फार्मिंग और फार्मा पर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल की फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज में विस्तार की बहुत क्षमता है। इसलिए हमारी सरकार मेगा फूड पार्क से लेकर कोल्ड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रही है। भारत को आज दुनिया की फार्मेसी कहा जाता है तो इसके पीछे हिमाचल की बहुत बड़ी ताकत है। कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान हिमाचल प्रदेश ने न सिर्फ दूसरे राज्यों, बल्कि दूसरे देशों की भी मदद की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल ने पूरी वयस्क जनसंख्या को वैक्सीन देने में बाकी अन्य राज्यों से बाजी मार ली है। यहां जो सरकार में हैं, वो राजनीतिक स्वार्थ में डूबे नहीं हैं, बल्कि उन्होंने पूरा ध्यान हिमाचल के एक-एक नागरिक को वैक्सीन कैसे मिले इसमें लगाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने तय किया है कि बेटियों की शादी की उम्र भी वही होनी चाहिए, जिस उम्र में बेटों को शादी की इजाजत मिलती है। बेटियों की शादी की उम्र 21 साल होने से, उन्हें पढ़ने के लिए पूरा समय भी मिलेगा और वो अपना करियर भी बना पाएंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में सरकार चलाने के दो अलग-अलग मॉडल काम कर रहे हैं। एक मॉडल है- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास। वहीं दूसरा मॉडल है- खुद का स्वार्थ, परिवार का स्वार्थ और विकास भी खुद के परिवार का है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल में सरकार ने लोगों के विकास के लिए अनेक नई योजनाओं को लागू किया है और केंद्र सरकार की योजनाओं का भी बेहतर तरीके से विस्तार कर रही है। यह दिखाता है कि हिमाचल सरकार को लोगों की, गरीबों की कितनी चिंता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर देश में अलग-अलग विचारधाराएं होती हैं, लेकिन आज हमारे देश के लोग स्पष्ट तौर पर दो विचारधाराओं को देख रहे हैं। एक विचारधारा विलंब की है और दूसरी विकास की। विलंब की विचारधारा वालों ने पहाड़ों पर रहने वाले लोगों की कभी परवाह नहीं की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ, सतर्कता के साथ, आपकी हर आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए काम कर रही है। अब सरकार ने तय किया है कि 15 से 18 साल के बीच के बच्चों को भी 3 जनवरी, सोमवार से वैक्सीन लगाना शुरू हो जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों को बुनियादी सुविधा देने का काम हो, विलंब की विचारधारा वाले लोगों ने हिमाचल के लोगों को दशकों तक इंतजार करवाया। इसी वजह से अटल टनल के काम में बरसों का विलंब हुआ, रेणुकाजी परियोजना में भी तीन दशकों के विलंब हुआ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी के लिए हिमाचल की बहनों-बेटियों को कितनी मेहनत करनी पड़ती थी, यह आपसे बेहतर कौन जान सकता है? आज सरकार खुद पानी का कनेक्शन देने के लिए आपके दरवाजे पर दस्तक दे रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के सात दशक में हिमाचल में सात लाख परिवारों को पाइप से पानी मिला था। सिर्फ दो साल के भीतर ही और वो भी कोरोना काल के बावजूद 7 लाख से अधिक नए परिवारों को पाइप से पानी मिल चुका है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश शिव और शक्ति का स्थान है। पंच कैलाश में से 3 कैलाश हिमाचल प्रदेश में हैं, कई शक्ति पीठ यहां स्थित हैं। डबल इंजन की सरकार हिमाचल की इस ताकत को कई गुणा बढ़ाने वाली है। मंडी में शिव धाम का निर्माण भी इसी प्रतिबद्धता का परिणाम है।
देश-दुनिया के समाचार FaceBook पर पढ़ने के लिए हमारा पेज Like कीजिए, Telagram चैनल से जुड़िए