आज देश को विश्वास है, धोखा देने वालों, गरीब को लूटने वालों को सरकार नहीं छोड़ती: मोदी
21वीं सदी का भारत आधुनिक सोच के साथ ही टेक्नोलॉजी को मानवता के हित में इस्तेमाल करने पर बल देता है
केवड़िया/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को गुजरात के केवड़िया में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के एक संयुक्त सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज हम भारत की आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आने वाले 25 वर्ष यानी इस अमृतकाल में आत्मनिर्भर भारत के विराट संकल्पों की सिद्धि की तरफ देश बढ़ रहा है। आज हम गुड गवर्नेंस- प्रो पीपल, प्रोएक्टिव गवर्नेंस को सशक्त करने में जुटे हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार से जुड़ी नई चुनौतियों के सार्थक समाधान तलाशने के लिए आप सब सरदार वल्लभ भाई पटेल के सान्निध्य में महामंथन के लिए जुटे हैं। सरदार पटेल ने हमेशा गवर्नेंस को भारत के विकास का, जन सरोकार का, जन हित का आधार बनाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार छोटा हो या बड़ा, वह किसी न किसी का हक छीनता है। यह देश के सामान्य नागरिक को उसके अधिकारों से वंचित करता है, राष्ट्र की प्रगति में बाधक होता है और एक राष्ट्र के रूप में हमारी सामूहिक शक्ति को भी प्रभावित करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते छह-सात सालों के निरंतर प्रयासों से हम देश में एक विश्वास कायम करने में सफल हुए हैं कि बढ़ते हुए भ्रष्टाचार को रोकना संभव है। आज देश को यह विश्वास हुआ है कि बिना कुछ लेन-देन के, बिना बिचौलियों के भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश को यह भी विश्वास हुआ है कि देश को धोखा देने वाले, गरीब को लूटने वाले, कितने भी ताकतवर क्यों न हों, देश और दुनिया में कहीं भी हों, अब उन पर रहम नहीं किया जाता, सरकार उनको छोड़ती नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 21वीं सदी का भारत, आधुनिक सोच के साथ ही टेक्नोलॉजी को मानवता के हित में इस्तेमाल करने पर बल देता है। न्यू इंडिया इनोवेट करता है, इनीशिएट करता है और इंप्लीमेंट करता है।
न्यू इंडिया अब यह भी मानने को तैयार नहीं कि भ्रष्टाचार सिस्टम का हिस्सा है। उसे सिस्टम पारदर्शी चाहिए, प्रोसेस एफिशिएंट चाहिए और गवर्नेंस स्मूद चाहिए। हमने देशवासियों के जीवन से सरकार के दखल को कम करने को एक मिशन के रूप में लिया। हमने सरकारी प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए। मैक्सिमम गवर्नमेंट कंट्रोल के बजाय मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस पर फोकस किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में जो सरकार है, वह देश के नागरिकों पर ट्रस्ट करती है, उन्हें शंका की नजर से नहीं देखती। इस भरोसे ने भी भ्रष्टाचार के अनेक रास्तों को बंद किया है।
इसलिए दस्तावेज़ों की वैरीफिकेशन के लेयर्स को हटाकर, करप्शन और अनावश्यक परेशानी से बचाने का रास्ता बनाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम ट्रस्ट और टेक्नॉलॉजी के दौर में आगे बढ़ रहे हैं, तो आप सभी साथियों, आप जैसे कर्मयोगियों पर देश का ट्रस्ट भी उतना ही अहम है। हम सभी को एक बात हमेशा याद रखनी है- राष्ट्र प्रथम! हमारे काम की एक ही कसौटी है- जनहित, जन-सरोकार।
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