इन खूबियों के साथ हिंद की शान बनेगी सरदार पटेल की प्रतिमा, इतिहास में अहम होगी तारीख
इन खूबियों के साथ हिंद की शान बनेगी सरदार पटेल की प्रतिमा, इतिहास में अहम होगी तारीख
नई दिल्ली। महान स्वतंत्रता सेनानी और आज़ाद भारत को एकता के सूत्र में पिरोने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) इस साल बहुत खास होगी। पटेलजी की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ तैयार हो गई है और बुधवार को इसका उद्घाटन होगा। यह विशाल प्रतिमा अपने आकार, सरदार पटेल के महान व्यक्तित्व और कई खूबियों की वजह से इतिहास में अहमियत रखेगी।
आने वाले कई दशकों बाद जब लोग इस प्रतिमा को देखेंगे या इसके बारे में पढ़ेंगे तो 31 अक्टूबर, 2018 का जिक्र जरूर होगा। इस लिहाज से यह दिन हमारे देशवासियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में एक भव्य कार्यक्रम में यह प्रतिमा देश को समर्पित की जाएगी। आंकड़ों के मुताबिक, अब तक यह विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इसके बाद चीन स्थित स्प्रिंग टेंपल बुद्ध प्रतिमा का स्थान है।सरदार पटेल की यह प्रतिमा देश-विदेश के लाखों लोगों को आकर्षित करेगी, इसलिए पूरी संभावना है कि यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह प्रतिमा गुजरात में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से करीब 3.2 किमी दूर साधु बेट पर स्थित है। यह भरूच के निकट नर्मदा जिले में आता है।
जानकारी के अनुसार, इस प्रतिमा का वज़न करीब 1,700 टन होगा। इसकी देखरेख में राम वी. सुतार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जो पद्मश्री और पद्म भूषण से नवाजे जा चुके हैं। अभी वे महाराष्ट्र में तैयार हो रही शिवाजी की प्रतिमा के निर्माण कार्य से जुड़े हैं, जो पूरी होने पर ऊंचाई के मामले में अव्वल होगी।
अमेरिका की ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ की ऊंचाई 93 मीटर है। यह बहुत ही मशहूर ऐतिहासिक प्रतिमा है जो 28 अक्टूबर, 1886 को समर्पित की गई। सरदार पटेल की प्रतिमा भी इतिहास में विशेष स्थान रखेगी। यह ‘स्टैच्यू आॅफ लिबर्टी’ से 89 मीटर यानी करीब दोगुनी ऊंची है। भविष्य में जब लोग इसके बारे में बात करेंगे तो उसमें मौजूदा साल (2018) और कई घटनाओं का जिक्र होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी आधारशिला 31 अक्टूबर, 2013 को रखी थी। वे कई मंचों से इस प्रतिमा का जिक्र कर चुके हैं। बुधवार को अनेक लोग इसके उद्घाटन समारोह के साक्षी होंगे।