श्रीगंगानगर ग्राम पंचायतों के बही-खाते ऑनलाइन करने वाली राजस्थान की पहली जिला परिषद

श्रीगंगानगर ग्राम पंचायतों के बही-खाते ऑनलाइन करने वाली राजस्थान की पहली जिला परिषद

सांकेतिक चित्र

जयपुर/भाषा। राजस्थान की श्रीगंगानर जिला परिषद की सभी 336 ग्राम पंचायतों के बही-खाते ऑनलाइन हो गए हैं। इससे इन पंचायतों द्वारा करवाए जाने वाले काम के भुगतान में गड़बड़ी की आशंका लगभग खत्म हो गई है। राज्य में इस तरह की उपलब्धि हासिल करने वाली यह पहली जिला परिषद है।

Dakshin Bharat at Google News
श्रीगंगानगर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौरभ स्वामी ने बताया, जिला परिषद के अधीन आने वाली सभी 336 ग्राम पंचायतों के बही-खाते बीते तीन चार महीने में चरणबद्ध तरीके से ऑनलाइन किए गए हैं। अब हर ग्राम पंचायत के पास विभिन्न मदों में उपलब्ध राशि तथा उसके द्वारा किए गए भुगतान का सारा ब्यौरा ऑनलाइन रहता है।

उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से पहले सरपंच के पास चेक से धनप्राप्ति की शक्ति थी यानी वह किसी काम के लिए चाहे वह पूरी तरह मंजूर हुआ हो या नहीं, उसके लिए किसी मद से चेक से पैसे हासिल कर सकता था। लेकिन ऑनलाइन होने के बाद ग्राम पंचायत के किसी काम के लिए धन तभी लिया जा सकता है जब तीनों (प्रशासनिक, वित्तीय व तकनीकी) मंजूरी हासिल कर ली गई हो। साथ ही नकद के बजाय धन का हस्तांतरण खाते के जरिए होगा। इसके अलावा पिछली तारीख में भुगतान भी नहीं किया जा सकेगा और कोई सरपंच ऐसी कोशिश करेगा तो पकड़ा जाएगा। ऐसा एक मामला सामने भी आया है।

उन्होंने बताया कि एक सॉफ्टवेयर के जरिए सभी ग्राम पंचायतें अब ऑनलाइन हैं। वहां हर ग्राम पंचायत के बही खाते में विभिन्न मद में उपलब्ध राशि का ब्यौरा रहता है। काम मंजूरी के बाद के बाद वहां से राशि ठेकेदार को या आगे भेजी जा सकती है। पहले सारा लेन-देन चेक से कर दिया जाता था और बही (कैशबुक) भी कोई कर्मचारी देखता था। अब सबकुछ ऑनलाइन है। कोई ग्राम पंचायत किसी भी मद से जो भी लेनदेन करेगी वह सब ऑनलाइन रहेगा। सीईओ के रूप में वह सॉफ्टवेयर के जरिये पूरा ब्यौरा देख सकते हैं।

जानकारों का कहना है कि जिला परिषद की इस पहल से ग्राम पंचायतों द्वारा विभिन्न कार्यों के भुगतान में पारदर्शिता आएगी तथा गड़बड़ी की आशंका कम होगी।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 2014-15 के बजट में इस पहल की घोषणा की थी लेकिन सरपंचों के विरोध सहित कई कारणों के चलते इसे अमली जामा नहीं पहनाया जा सका। स्वामी ने कहा कि अब इसे चरणबद्ध तरीके से यहां पूरा कर लिया गया और राज्य में अपनी तरह की यह पहली जिला परिषद बनी है।

उन्होंने बताया कि श्रीगंगानगर जिला परिषद के अधीन नौ तहसीलों की 336 ग्राम पंचायतें आती हैं जिन्होंने एक अप्रैल से अब तक कुल लगभग 69.27 करोड़ रुपए का लेनदेन विभिन्न मदों में किया है और इसका पूरा ब्यौरा सिस्टम में उपलब्ध है। राज्य की बाकी जिला परिषदों में इस पहल के कार्यान्वयन का ब्यौरा हालांकि नहीं मिल पाया है।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download