
पुलिस का दावा: 100 करोड़ के कार फाइनेंसिंग और फर्जीवाड़ा रैकेट में दिलीप छाबड़िया की मुख्य भूमिका
पुलिस का दावा: 100 करोड़ के कार फाइनेंसिंग और फर्जीवाड़ा रैकेट में दिलीप छाबड़िया की मुख्य भूमिका
मुंबई/दक्षिण भारत। मशहूर कार डिजाइनर दिलीप छाबड़िया (68) की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने करीब 100 करोड़ रुपए के अंतरराज्यीय कार फाइनेंसिंग और फर्जीवाड़े के खुलासे का दावा किया है। छाबड़िया दो जनवरी तक पुलिस हिरासत में रिमांड पर है।
पुलिस के दावे के अनुसार, छाबड़िया की फर्म दिलीप छाबड़िया डिज़ाइन्स प्राइवेट लिमिटेड (डीसीडीपीएल) ने पिछले तीन वर्षों में 127 अवंती कारों का निर्माण किया और उन्हें विभिन्न राज्यों में कई पंजीकरण नंबरों के साथ भारत और विदेश में बेचा।
पुलिस ने दावा किया कि इनमें से 90 कारों का इस्तेमाल गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से लोन लेकर धोखाधड़ी वाले फाइनेंसिंग के लिए किया गया था।
इस संबंध में सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वेज ने बताया कि आरोपियों ने डीसीडीपीएल का इस्तेमाल करते हुए अवंती कारों के ग्राहक के रूप में पेश किया और प्रत्येक वाहन पर विभिन्न एनबीएफसी से कई लोन लिए, जिनका औसत प्रति कार 42 लाख रुपए था।
फिर उन्होंने कारों को तीसरे पक्ष को बेचने से पहले दूसरे राज्य में पंजीकृत किया। कई लोन्स को एनबीएफसी द्वारा एनपीए घोषित किया गया था। जांच में पता चला कि छाबड़िया ने बीएमडब्ल्यू इंडिया फाइनेंसिंग सर्विसेज के साथ 41 कारों को गिरवी रखा और 16 कारों को कभी भी किसी आरटीओ के साथ पंजीकृत नहीं किया गया।
बता दें कि मुंबई अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) ने सोमवार शाम को छाबड़िया को गिरफ्तार किया था। जांचकर्ताओं के दावे के अनुसार, वित्तीय कंपनियों को कर्ज लेने के लिए कागज़ों पर जो गाड़ियां दिखाई जाती थीं, उन्हें पहले ही बेचा जा चुका होता था।
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