पूरी रात बहुत परेशान रहा आसाराम
पूरी रात बहुत परेशान रहा आसाराम
जोधपुरसा़ढे चार साल तक जोधपुर जेल का विचाराधीन बंदी रहे आसाराम की कैदी के रूप में पहली रात बहुत बेचैनी भरी रही। कोर्ट द्वारा उम्र कैद की सजा सुनाए जाने के पश्चात कैदी नंबर १३० के रूप में आसाराम पूरी रात बहुत परेशान रहा। उसने किसी से बात नहीं की, लेकिन जेल प्रहरी द्वारा ’’जिंदा रहने के लिए कुछ तो खाना प़डेगा’’ समझाने पर आसाराम ने आज सुबह पहली बार जेल में बनी चाय पी और चने के साथ गु़ड खाया। जल्द ही आसाराम का गुजरात पुलिस सूरत लेकर जा सकती है।ृद्ध ज्ष्ठध् ·र्ैंय् क्वय्द्मय्आसाराम ५५ महीने २४ दिन से जोधपुर जेल में विचाराधीन बंदी के रूप में बंद था। कोर्ट की अनुमति से उसके लिए जोधपुर स्थित आश्रम से दोनों समय का खाना और नाश्ता रोजाना आता था। अदालत ने उसे नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म मामले में दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई। यह उम्र कैद भी उसके शेष जीवन तक चलेगी। यानि जब तक आसाराम जिंदा है उसे जेल में ही रहना होगा। ऐसे में अब उसे जेल का खाना ही मिलेगा। बाहर से आने वाला खाना बंद कर दिया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सजा सुनने के बाद से आसाराम काफी डिस्टर्ब हो गया। उसकी पूरी रात बेचैनी से गुजरी। आसाराम को विश्वास नहीं हो पा रहा है कि इतनी ब़डी सजा कैसे मिल गई।हालांकि देर रात वह सो गया और सुबह उठ कर उसने हमेशा की तरह योगा किया। इसके बाद उसे इतने साल में पहली बार जेल में बनी चाय और गु़ड-चने का नाश्ता दिया गया। आसाराम ने एक बार खाने से इनकार कर दिया, लेकिन कर्मचारियों ने उसे समझाया कि खाए बगैर काम नहीं चलेगा। इस पर उसने चुपचाप नाश्ता कर लिया।आसाराम को आज या कल तक कैदी के कप़डे दे दिए जाएंगे। साथ ही जेल प्रशासन ही तय करेगा कि उससे कैसा काम लिया जाए। नियमानुसार सत्तर वर्ष से अधिक उम्र वाले कैदियों से हल्का काम कराया जाता है। ऐसे में आसाराम को भी पे़ड-पौधों में पानी पिलाने का काम कराया जाएगा।अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खेताराम विश्नोई का कहना है कि गुजरात पुलिस शीघ्र ही आसाराम को वहां लेकर जा सकती है। ताकि सूरत में उसके खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई शुरू हो सके। इस केस में आसाराम का बेटा नारायण साईं गुजरात की जेल में बंद है।ज्ष्ठध् ·र्ष्ठैं द्धय्ब्द्य ·र्ैंठ्ठणक्कर् फ्रुद्यूय्य्आसाराम को सजा सुनाए जाने के दिन शहर में क़डी सुरक्षा व्यवस्था के कारण पूरी तरह शांति बनी रही, लेकिन पुलिस आज भी किसी प्रकार की ढील देने के मूड में नहीं है। शहर में धारा १४४ अभी तक लागू है। आसाराम के समर्थकों से निपटने को जेल के बाहर कल के समान पुलिस बल तैनात है। वहीं सभी प्रमुख मार्गों पर आसाराम के समर्थकों पर नजर रखी जा रही है।