सड़क यातायात समस्याओं से निपटने में कारगर है ‘फास्टैग’ : निलेकणी

सड़क यातायात समस्याओं से निपटने में कारगर है ‘फास्टैग’ : निलेकणी

बेंगलूरु। ब़डे आकार की कारें शहर की स़डकों पर दबाव बनाती हैं तो इनसे बचने का आसान उपाय भी मौजूद है। बेंगलूरु जैसे तकनीकी शहरों में फास्टैग से स़डक यातायात की मुश्किलों का समाधान आसानी से किया जा सकता है। यह सुझाव है इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के संस्थापकों में से एक और भारतीय अद्भुत पहचान पत्र प्राधिकरण यानी यूआईडीएआई के पूर्व अध्यक्ष नंदन निलेकणी का। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से स़डकों पर वाहन यातायात की समस्याओं का समाधान करने के लिए फास्टैग तकनीक अपनाने को कहा है। सोमवार को यहां एक कार्यक्रम में निलेकणी ने कहा कि ह्वाइटफील्ड जैसे इलाकों में स़डक यातायात की व्यस्तता को घटाने के लिए फास्टैग वाकई मददगार साबित हो सकता है। उन्होंने बताया कि फास्टैग का प्रयोग करने वाले सिर्फ ५०० रुपए का शुल्क जमा करने पर बिना किसी बाधा के अपने घर से ऑफिस तक अपनी निजी कार से पहुंच सकेंगे। वहीं, शुल्क न देनेवालों को स़डकों पर रेंगते वाहनों के साथ अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए डे़ढ घंटे का समय गुजारना होगा। उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन के जरिए फास्टैग का प्रयोग किया जा सकता है। इसके तहत वाहनों को भी़ड भरी स़डकों पर आसानी से गुजरने के लिए खास रास्ता दिया जाता है। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर बने टोल गेट्स पर टोल चुकाना प़डता है। निलेकणी आज यहां ट्रिलियन डॉलर के भारतीय डिजिटल इकोनॉमी का खाका तय करने से संबंधित एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स़डकों पर वाहन जाम की स्थिति में फास्टैग का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका असर यह होगा कि या तो लोग निजी वाहनों में सुविधाजनक ढंग से यातायात करने के लिए निर्धारित शुल्क का भुगतान करेंगे या फिर निजी के बजाय सार्वजनिक परिवहन के माध्यमों पर निर्भर करने लगेंगे। फास्टैग की व्यवस्था भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचएआई द्वारा विकसित की जानेवाली तकनीक पर काम करेगी। निलेकणी ने कहा, ’’इस यातायात शुल्क प्रणाली का प्रयोग अब एक प्लैटफॉर्म के तौर पर भी किया जा सकता है। इस प्लैटफॉर्म पर पूरे शहर में वाहन जाम शुल्क वसूला जा सकता है। वहीं, वाहनों की पार्किंग के लिए भी इस प्रणाली का प्रयोग हो सकता है। अगर कोई यह निर्धारित करना चाहे कि बेंगलूरु मध्य या ह्वाइटफील्ड की स़डकों पर वाहनों की संख्या निर्धारित हो तो उस खास इलाके में प्रवेश करनेवाले वाहनों के लिए शुल्क ब़ढाया भी जा सकता है।’’

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