व्यापार मेला लघु भारत का रूप : कोविंद
व्यापार मेला लघु भारत का रूप : कोविंद
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने व्यापार को आम आदमी के हित का माध्यम बताते कहा कि देश में आर्थिक सुधारों का उद्येश्य गरीबी दूर करना और समृद्धि बढाना है। उन्होंने भारत के वार्षिक अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले को लघु भारत का स्वरूप बताते हुए आज कहा कि इस मेले में देश की विविध संस्कृति और व्यापारिक गतिविधियों की झलक मिलती है। राष्ट्रपति ने आज राजधानी के प्रगति मैदान में ३७वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) का उद्घाटन करते हुए कहा कि इस मेले से देश-विदेश के स्तर पर व्यापारिक गतिविधयों को ब़ढावा मिलता है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में भारत की पहचान एक आकर्षक निवेश स्थल के रूप में बनी है और भारत में व्यावसायिक परिवेश में हुए सुधार को दुनिया ने मान्यता दी है। देश में जारी आर्थिक सुधारों को महत्वपूर्ण बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा इनका मकसद देश से गरीबी दूर करना और लाखों लोगों की समृद्धि ब़ढाना है। उन्होंने कहा, व्यापार से आम लोगों को मदद मिलनी चाहिए, क्योंकि अंतत: यह उसी पर टिका होता है। देश में एक जुलाई से लागू की गई माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इसके लागू होने से राज्यों के बीच की बाधाएं समाप्त हुई हैं। उन्होंने कहा, जीएसटी का लागू होना एक अहम् उपलब्धि है, इससे राज्यों के बीच व्यापार की बाधायें समाप्त हुई हैं। इससे देश में एक साझा बाजार बना है और आर्थिक गतिविधयों को औपचारिक तंत्र में लाने में मदद मिली है। इससे विनिर्माण क्षेत्र को भी मजबूती मिली है।सरकार की विभिन्न पहलों, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्किल इंडिया और स्मार्ट सिटीज का जिक्र करते हुए कहा कि इन कदमों का मकसद आर्थिक सुधारों को आम आदमी के लिए अधिक सार्थक बनाना है। राष्ट्रपति ने कहा कि देश में शुरू किए गए सुधारों और कारोबार सुगमता से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का आंक़डा जो कि २०१३-१४ में ३६ अरब डॉलर रहा था वर्ष २०१६-१७ में ब़ढकर ६० अरब डॉलर पर पहुंच गया।
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