राजस्थान: दिग्गजों की परीक्षा, मंडावा और खींवसर सीट के लिए सोमवार को विधानसभा उपचुनाव
राजस्थान: दिग्गजों की परीक्षा, मंडावा और खींवसर सीट के लिए सोमवार को विधानसभा उपचुनाव
जयपुर/भाषा। कांग्रेस शासित राजस्थान में दो विधानसभा सीटों पर सोमवार को उपचुनाव होंगे जहां सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के साथ-साथ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) को भी अपनी जीत की पूरी उम्मीद है। झुंझुनूं की मंडावा और नागौर की खींवसर विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को मतदान होगा।
पिछले साल दिसंबर में राज्य में सत्ता में आई कांग्रेस के लिए यह चुनाव अहम होगा। इस साल मई में हुए आम चुनावों में पार्टी को सभी 25 लोकसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, पार्टी ने जून महीने के बाद राज्य में सम्पन्न कुल 33 जिलों में से 26 में पंचायत समिति और जिला परिषद उपचुनावों में अधिकांश सीटों पर जीत दर्ज की थी।कांग्रेस ने मंडावा विधानसभा सीट पर पूर्व विधायक और दिवंगत कांग्रेस नेता रामनारायण चौधरी की बेटी रीटा चौधरी को तथा खींवसर विधानसभा सीट पर पूर्व मंत्री हरेन्द्र मिर्धा को चुनाव मैदान में उतारा है।
वहीं दूसरी ओर भाजपा ने अपनी स्थिति को मजबूत बनाने के लिए मंडावा विधानसभा सीट पर हाल ही में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने वाली सुशीला सिगड़ा को टिकट दिया है। वहीं खींवसर विधानसभा सीट उसने गठबंधन के तहत हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के लिए छोड़ी है। यहां बेनीवाल के छोटे भाई नारायण बेनीवाल चुनाव मैदान में हैं।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दोनों विधानसभा सीटों पर पार्टी की जीत का भरोसा जताया है। पायलट ने कहा, उपचुनावों के लिए हमने पूरी तैयारी की है और हम दोनों सीटों पर बहुमत के साथ दोनों चुनाव जीतेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पिछले पांच वर्षों में विपक्ष में रहते हुए सभी उपचुनावों पर जीत दर्ज की थी और अब पार्टी में सत्ता में है और चुनाव नहीं जीतने का कोई कारण दिखाई नहीं दे रहा है।
जाट बाहुल दोनों विधानसभा उपचुनाव भाजपा के हाल ही में नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की पहली परीक्षा होगी, जो जाट समुदाय से हैं और जीत के प्रति आश्वस्त हैं। पूनिया ने कहा कि जनता ने कांग्रेस का शासन देखा है और जनता पूरी तरह से निराश है। कांग्रेस पार्टी अपने वादों को पूरा करने में पूरी तरह असफल रही है और पार्टी पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव के दौरान घोषणा पत्र में जनता के साथ किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने झुंझुनू में कांग्रेस उम्मीदवार रीटा चौधरी के समर्थन में एक जनसभा की जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और सांसद हेमा मालिनी ने शुक्रवार को मंडावा में भाजपा की प्रत्याशी सुशीला के समर्थन में रैली आयोजित की।
सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने भी खींवसर में आक्रामक प्रचार किया है। खींवसर विधानसभा सीट पर विधायक हनुमान बेनीवाल और मंडावा सीट पर भाजपा के नरेंद्र कुमार के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के कारण दोनों सीटें रिक्त हुई थीं और दोनों सीटों पर उपचुनाव की आवश्यकता पड़ी। उपचुनावों के लिए चुनाव आयोग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। दोनों विधानसभा क्षेत्रों से 12 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। मंडावा में 9 और खींवसर में 3 उम्मीदवार मैदान में हैं।
दोनों निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान 21 अक्टूबर को प्रातः 7 बजे से प्रारम्भ होकर सायं 6 बजे तक चलेगा। मंडावा सीट के लिए कुल 2,27,414 मतदाता हैं जहां 259 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। वहीं खींवसर में कुल 2,50,155 मतदाताओं के लिए 266 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं।
शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। मंडावा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 60 व खींवसर में 121 संवेदनशील मतदान केन्द्र चिह्नित किए गए हैं। दोनों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में केन्द्रीय सुरक्षा बलों की 8-8 कंपनियां उपलब्ध करवाई गई हैं। इस बीच इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार का शोर शनिवार शाम थम गया।
राजस्थान में 200 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस के पास 106 विधायक हैं। इसमें से छह बसपा विधायक हाल ही में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। वहीं भाजपा के 72 विधायक हैं। माकपा, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो-दो और कांग्रेस की सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल कांग्रेस का एक विधायक और 13 निर्दलीय विधायक हैं।