रिपोर्ट का दावा: जीत के लिए आश्वस्त कांग्रेस ने 23 मई से पहले ही तय कर लिए थे मंत्रियों के नाम!
रिपोर्ट का दावा: जीत के लिए आश्वस्त कांग्रेस ने 23 मई से पहले ही तय कर लिए थे मंत्रियों के नाम!
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के ऐसे कई किले ढह गए जिन्हें अजेय माना जाता था। स्वयं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी से हार गए जिसके बाद पार्टी मंथन में जुटी है। दूसरी ओर, एक रिपोर्ट कुछ और ही दावा कर रही है। इसके मुताबिक, इतनी बड़ी हार कांग्रेस की आशा के विपरीत थी, बल्कि वह तो सरकार बनाने का सपना देख रही थी। इसके लिए 23 मई से पहले ही भावी मंत्रियों के नाम वगैरह भी तय कर लिए गए और कांग्रेस नेतृत्व उनसे संपर्क में था। हालांकि जब चुनाव नतीजे आए तो उससे कांग्रेस की सियासी जमीन हिल गई।
संडे गार्जियन की यह रिपोर्ट पॉलिटिकल एडिटर पंकज वोहरा के हवाले से प्रकाशित की गई है। इसमें बताया गया है कि चुनाव नतीजे आने से पहले राहुल गांधी को उनके करीबियों ने आश्वस्त किया था कि इस बार पार्टी 184 सीटें जीतकर आ रही है। यदि कहीं कुछ कमी रह भी गई तो 164 का आंकड़ा जरूर छू लेगी।इससे राहुल हर्षित हुए और मंत्रिमंडल का खाका तैयार होने लगा। रिपोर्ट में बताया गया है कि द्रमुक नेता एमके स्टालिन को फोन कर केंद्रीय गृहमंत्री बनाने का ऑफर दिया गया। इसी प्रकार कांग्रेस ने शरद पवार, अखिलेश यादव, उमर अब्दुल्ला और तेजस्वी यादव से संपर्क किया और केंद्र में अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपने की बात कही।
दो दिन पहले योजना, फिर अरमानों पर पानी
रिपोर्ट का दावा है कि यह घटनाक्रम 21 मई को हो रहा था यानी पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की पुण्यतिथि के दिन, जब चुनाव नतीजों की तारीख 23 मई करीब ही थी। आखिरकार वह दिन आया जिसका पूरा देश बेसब्री से इंतजार कर रहा था। चुनाव नतीजों में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग को बढ़त मिलती गई और कांग्रेस के खेमे में मायूसी छा गई। माना जा रहा है कि टीम द्वारा गलत जानकारी दिए जाने से राहुल गांधी नाराज हैं और पार्टी की बैठकों से किनारा कर लिया।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि सीटों के अनुमानों के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने तय कर लिया था कि नतीजे आने पर सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा। इसके लिए दो पत्र भी तैयार कर लिए गए। उन्हें राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत करना था। दूसरी ओर, विजय जुलूस की तैयारियां शुरू कर दी गईं। पार्टी ने कुछ बड़े नेताओं को जिम्मा सौंपा कि नतीजों के बाद मुख्यालय के बाहर 10 हजार लोगों की भीड़ होनी चाहिए।
फेल हुआ कांग्रेस का गणित
हालांकि 23 मई को दिन चढ़ने के साथ ही यह तस्वीर स्पष्ट हो गई कि इस बार भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही बनेंगे। कांग्रेस का चुनावी गणित इस कदर फेल होने से पार्टी को जोरदार झटका लगा। चूंकि इस बार कई राजनीतिक विश्लेषकों ने दावा किया था कि देश में किसी पार्टी के पक्ष में स्पष्ट लहर नहीं है। ऐसे में भाजपा का दोबारा सत्ता में आना मुश्किल लगता है।
कांग्रेस का विश्लेषण भी इससे अलग नहीं था। उक्त रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के इलेक्शन ऑफिस और डेटा एनालिसिस की जिम्मेदारी संभालने वाले प्रवीण चक्रवर्ती ने 21 मई को राहुल गांधी से मुलाकात कर पार्टी के 184 संभावित विजेताओं की सूची सौंपी। बताया जा रहा है कि इस आंकड़े को दो बार जांचा गया था। इससे न केवल राहुल, बल्कि सोनिया और प्रियंका भी जीत को लेकर आश्वस्त थे।
नेताओं के पास आने लगे फोन
रिपोर्ट के अनुसार, राहुल ने कांग्रेस के उन 100 नेताओं की सूची बनाने को कहा जिनके पहली बार जीतकर आने की संभावना थी। साथ ही ऐसे नेताओं की भी सूची बनाने का आदेश दिया जो हार रहे थे लेकिन उन्हें सरकार में शामिल करना था। रिपोर्ट में बताया गया है कि 22 मई को राहुल और प्रियंका ने कांग्रेस और गठबंधन के शीर्ष नेताओं से संपर्क शुरू किया। इसी सिलसिले में राहुल ने स्टालिन को फोन कर केंद्रीय गृहमंत्री का पद ऑफर किया। इसी प्रकार शरद पवार, अखिलेश यादव से सरकार में शामिल होने की बात कही गई।
मोदी की ‘केमिस्ट्री’ पड़ी भारी
रिपोर्ट में बताया गया है कि अखिलेश ने उप्र में सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के 40 सीटों पर जीतने का दावा किया था। उन्होंने नौ सीटों पर कांग्रेस के जीतने की बात कही। उधर, प्रियंका ने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संपर्क किया और उन नेताओं की सूची मांगी जिन्हें मंत्री बनाया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव नतीजों से पहले कांग्रेस को अपने गणित पर इतना भरोसा था कि उसने सरकार और मंत्री बनाने तक की योजना तैयार कर ली थी। 23 मई की दोपहर तक साफ हो गया था कि कांग्रेस को एक बार फिर हार के कारणों पर मंथन करना होगा। नतीजों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि राजनीतिक पंडितों को मानना होगा कि अंकगणित के आगे भी एक ‘केमिस्ट्री’ होती है।
रिपोर्ट में राहुल के लिए बताया गया है कि वे सोमवार से शुरू हो रहे संसद सत्र अथवा 19 जून को अपने जन्मदिन के मौके पर इंग्लैंड से भारत आ सकते हैं। कांग्रेस नेताओं के अलावा देशभर के लोग भी उनके अगले कदम के बारे में जानने को उत्सुक हैं।