कितनी घातक हैं ईरान की वे मिसाइलें, जो इजराइल पर दागी गईं?

ईरान के पास हैं इमाद, ग़दर और खेबर शेकन मिसाइलें

कितनी घातक हैं ईरान की वे मिसाइलें, जो इजराइल पर दागी गईं?

Photo: @Khamenei_fa X account

तेहरान/दक्षिण भारत। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) के एयरोस्पेस डिवीजन ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ के तहत इजराइल पर कई मिसाइलें दागीं। विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इन हमलों में इमाद, ग़दर और खेबर शेकन मिसाइलों के जरिए इजरायल के हाइफा और तेल अवीव को निशाना बनाया गया।

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ग़दर का उन्नत संस्करण इमाद बैलिस्टिक मिसाइल है। इसे उन्नत दिशा-निर्देशन और सटीकता वाली मिसाइल कहा जाता है। इसका परीक्षण साल 2015 के आखिर में किया गया था। इसमें नया डिजाइन किया गया एक गतिशील वारहेड होता है, जिसके आधार पर पंख लगे हैं। वे इसे वायुमंडल में पुनः प्रवेश करने के बाद अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने में सक्षम बनाते हैं।

ईरानी सैन्य अधिकारियों के अनुसार, इमाद अपने लक्ष्य तक तक पूर्ण मार्गदर्शन और नियंत्रण में रहती है। इससे यह ईरान की पहली सटीक-निर्देशित मिसाइल बन गई है। तरल ईंधन से चलने वाली इमाद मिसाइल की लंबाई 15.5 मीटर, वजन 1,750 किलोग्राम, मारक क्षमता 1,700 किलोमीटर तथा सर्कुलर एरर प्रोबेबल (सीईपी) 50 मीटर है।

ग़दर मिसाइल, शाहब-3 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का उन्नत संस्करण है, जो साल 2003 से ईरानी सेवा में है। यह दो चरणों वाला रॉकेट है, जिसमें तरल-ईंधन वाला पहला चरण और ठोस-ईंधन वाला दूसरा चरण है। यह तीन प्रकारों में निर्मित होता है: ग़दर-एस जिसकी रेंज 1,350 किमी है, ग़दर-एच जिसकी रेंज 1,650 किमी है, और ग़दर-एफ जिसकी रेंज 1,950 किमी है।

15.86 से 16.58 मीटर लंबाई तथा 1.25 मीटर एयरफ्रेम व्यास वाली ग़दर का वजन 15 से 17.5 टन के बीच है।

शाहब-3 की तुलना में इसकी बढ़ी हुई लंबाई के कारण इसमें बड़े ईंधन और ऑक्सीडाइजर टैंक की व्यवस्था है, जो अतिरिक्त 1,300 से 1,500 किलोग्राम प्रणोदक ले जा सकता है और इंजन को अतिरिक्त दस या अधिक सेकंड तक जलने में सक्षम बनाता है।

इस अलावा द्रव्यमान को संतुलित करने के लिए, मिसाइल के एयरफ्रेम का निर्माण हल्के एल्यूमीनियम मिश्र धातु घटकों का उपयोग करके किया गया है, जिससे पूर्णतः स्टील डिजाइन की तुलना में निष्क्रिय भार लगभग 600 किलोग्राम कम हो गया है।

इसमें हथियार का वजन 1,000 किलोग्राम से घटाकर 650 किलोग्राम किया गया, जिससे मिसाइल की मारक क्षमता 1,200 किलोमीटर से बढ़कर लगभग 2,000 किलोमीटर हो गई।

ग़दर में एक नया आकार दिया गया बेबी-बॉटल वारहेड डिज़ाइन भी है, जो वायुगतिकी और सटीकता को बेहतर बनाता है। एक उन्नत मार्गदर्शन प्रणाली के साथ संयुक्त, यह डिज़ाइन इसकी सीईपी को 2,500 मीटर से घटाकर 100 से 300 मीटर के बीच कर देता है।
 
खेइबर शेकन मिसाइल एक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे रणनीतिक हमलों के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसने पिछले हमलों में बढ़िया प्रदर्शन किया था।

खेइबर शेकन-1 और खेइबर शेकन-2 दोनों संस्करण कथित तौर पर एरो-3 और डेविड स्लिंग सहित इजराइल की उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों को भेदने में सक्षम माने जाते हैं।

लगभग 1,450 किलोमीटर की अनुमानित सीमा के साथ, खेइबर शेकन पारंपरिक या संभवतः गैर-पारंपरिक हथियार ले जा सकता है, जिससे यह विशेष रूप से घातक हो जाता है। इसमें उन्नत मार्गदर्शन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। मिसाइल को दो-चरणीय ठोस-ईंधन इंजन द्वारा संचालित किया जाता है, जो तरल-ईंधन वाले समकक्षों की तुलना में तेजी से लॉन्च करने की तैयारी को सक्षम बनाता है।
 
इसका उद्देश्य दुश्मन के क्षेत्र में अंदर स्थित महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और सैन्य ठिकानों जैसे रणनीतिक, उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों पर सटीकता से हमला करना है।

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